प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के बाद के कालखंड को भारत सहित पूरी दुनिया के लिए अहम मोड़ बताते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता की बुनियाद पर नए भारत का निर्माण जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज भारत को देखने का दुनिया का नजरिया काफी बदल गया है। अब दुनिया एक मजबूत भारत देखना चाहती है।
प्रधानमंत्री 2 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट को लेकर पिछली सरकार और पिछले 7 वर्षों में भाजपा द्वारा लिए गए निर्णयों की तुलना की।
कोरोना काल दुनिया के लिए टर्निंग पॉइंट
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना का ये कालखंड पूरी दुनिया के लिए एक प्रकार से टर्निंग पॉइंट है। आगे जो दुनिया हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी जैसी कोरोना काल से पहले थी: जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया बदल गई, वैसे ही कोरोना के बाद दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है, एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की संभावना है।
नए संकल्पों की सिद्धि का समय
उन्होंने कहा कि ये भारत के लिए नए सिरे से तैयारी का, नए अवसरों का, नए संकल्पों की सिद्धि का समय है। बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।
अर्थव्यवस्था का हो रहा है विस्तार
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सात वर्षों में जो निर्णय लिए गए, जो नीतियां बनीं, पहले की जिन नीतियों में सुधार हुआ, उस वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है। 7 – 8 साल पहले भारत की जीडीपी 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए थी, आज भारत की अर्थव्यवस्था 2 लाख 30 हजार करोड़ के आसपास है।