बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता से रूस में फिलहाल तख्तापलट का खतरा टल गया है। इससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राहत की सांस ली है। रूस के प्राइवेट मिलिट्री ग्रुप ‘वैगनर’ के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। ‘वैगनर’ ने तख्तापलट का 23 जून को ऐलान किया था। ‘वैगनर’ के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन हैं। प्रिगोझिन को पुतिन का सबसे भरोसमंद करीबी माना जाता है।
बेलारूस की मध्यस्थता की शर्तों को मानने पर सहमति
दोनों पक्ष बेलारूस की मध्यस्थता की शर्तों को मानने पर सहमत हो गए हैं। अब प्रिगोझिन के खिलाफ रूस में सशस्त्र विद्रोह का मुकदमा नहीं चलेगा। प्रिगोझिन देश छोड़कर बेलारूस जाएंगे। इससे पहले ‘वैगनर’ के सैनिकों ने यूक्रेन की सीमा के नजदीक स्थित रूस के शहर रोस्तोव के सैन्य मुख्यालय पर कब्जा कर मॉस्को के लिए कूच किया था।
बेलारूस के राष्ट्रपति ने की मध्यस्थता
बेलारूस के राष्ट्रपति के समझाने के बाद प्रिगोझिन की सेना पीछे हट गई है। मध्यस्थता से पहले ‘वैगनर’ के सैनिकों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए रूस की सेना ने हेलीकाप्टरों से फायरिंग की। ‘वैगनर’ ने इसका माकूल जवाब दिया और एक हेलीकाप्टर को मार गिराया।
प्रिगोझिन ने दी सफाई
प्रिगोझिन का कहना है कि वह खूनखराबा नहीं चाहते। उन्होंने अपने सैनिकों को मूल ठिकानों पर पहुंचने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को उन्होंने खुद को देशभक्त बताते हुए कहा था कि जल्द ही रूस को नया राष्ट्रपति मिलेगा। इस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन युद्ध के बीच यह उनकी पीठ में छुरा मारने वाला कृत्य है। यह देशद्रोह है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूरी दुनिया की थी नजर
रूस के इस घटनाक्रम पर सारी दुनिया की नजर रही। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और जर्मनी के चांसलर से बात की। लगभग 24 वर्ष से रूस की सत्ता पर काबिज पुतिन को पहली बार विद्रोह का सामना करना पड़ा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि इस घटनाक्रम से रूस की कमजोरी पूरी तरह से सामने आ गई है। रूसी दुष्टता और अराजकता को यूरोप में फैलने से रोकने के लिए यूक्रेन पूरी ताकत से काम करेगा। इस बीच यूक्रेनी सेना के आर्टियोमोव्स्क शहर पर कब्जे के लिए कार्रवाई करने की सूचना है।
नहीं चलेगा अपराधिक मुकदमा
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री एस. पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा है कि बेलारूस की मध्यस्थता से हुए एक समझौते के तहत प्रिगोझिन बेलारूस जाएंगे और सशस्त्र विद्रोह के लिए उनके खिलाफ शुरू किया गया आपराधिक मुकदमा बंद कर दिया जाएगा। प्रिगोझिन के जिन सैनिकों ने विद्रोह में हिस्सा नहीं लिया, उन्हें रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने का विकल्प दिया जाएगा।