‘खंजर’ शब्द का इस्तेमाल हमेशा शिवसेना और खासकर ठाकरे परिवार करता रहा है। शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे हों या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, जब वे अपने भाषणों में देशद्रोहियों का जिक्र करते हैं, तो ‘पीठ में खंजर घोंपा’ जुमले का इस्तेमाल करते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने उद्धव ठाकरे के मामले में भी यही शब्द इस्तेमाल किया था। अब शिवसेना ने भी इसका जवाब देना शुरू कर दिया है।
चंद्रकांत पाटील ने यह कहा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पाटील ने कहा,’कुछ लोग जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुने गए हैं, वे रोज सुबह बिना मुंह धोए उन्हें गाली देने लगे हैं। लेकिन, पीएम को उनकी परवाह नहीं है।’ महाराष्ट्र की राजनीति में पीठ में खंजर घोंपने जैसे जुमले का इस्तेमाल होते रहा है। पाटील ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की है। पाटील 1 सितंबर को मोर्शी में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे, सांसद रामदास तडस, विधायक प्रताप अडसद, भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी भी मौजूद थे।
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शिवसेना का पलटवार
इसके बाद शिवसेना नेता सांसद अरविंद सावंत ने चंद्रकांत पाटील की आलोचना का जवाब दिया। सावंत ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि चंद्रकांत पाटील किस बारे में बात कर रहे हैं। उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। हम पीठ में नहीं, सीने पर वार कर रहे हैं। शिवसेना सांसद विनायक राउत ने भी कहा कि शिवसेना के वंशज पीठ में खंजर नहीं घोंपते।