Faizabad Lok Sabha Constituency: अयोध्या में भाजपा की हार के क्या हैं कारण! जानिए, हिंदुस्थान पोस्ट की ग्राउंड रिपोर्ट

अयोध्या में रामनगरी को सुंदर बनाने के लिए और उसके विकास के लिए व्यापक तोड़फोड़ की गई इससे नागरिकों एवं व्यापारियों को विस्थापन का सामना करना पड़ा।

249

रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) के फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र (Faizabad Lok Sabha Constituency) से भाजपा (BJP) की हार को लेकर मंथन शुरू हो गया है। सोशल मीडिया (Social Media) पर भाजपा की हार को लेकर कटाक्ष किया जा रहा है। अयोध्या (Ayodhya) में हुई हार पर असहमति और पीड़ा व्यक्त की जा रही है।

‘हिंदुस्थान पोस्ट’ ने अयोध्या में भाजपा की हार और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की जीत के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि अयोध्या के मतदाताओं की नाराजगी अकारण नहीं थी।
अयोध्या महानगर के भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव कहते हैं कि अयोध्या में भाजपा की हार के कई कारण हैं।

बेलगाम अफसरशाही ने अयोध्या में जनता के बीच पनप रही नाराजगी को उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचने नहीं दिया। जनप्रतिनिधियों के मुकाबले कुछ प्रमुख पदों पर बैठे अधिकारियों की ही चली, इस कारण जन सामान्य से लेकर भाजपा के कार्यकर्ता हताश हो गए।

यह भी पढ़ें- BJP Meeting: भाजपा ने आज दिल्ली में बुलाई बड़ी बैठक, सांसदों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक सभी होंगे शामिल

विशिष्ट अतिथियों के आगमन से अयोध्यावासियों की अनदेखी
अयोध्या में राम मंदिर का उत्सव वैश्विक स्तर पर मनाया गया। आए दिन अति विशिष्ट अतिथियों के आगमन और मार्गों पर रोक-टोक से अयोध्या के लोग रामनगरी में बेगाने महसूस करने लगे। इस कारण लोगों में नाराजगी पैदा हो गई।

 विकास के नाम पर व्यापक तोड़फोड़
अयोध्या रामनगरी को सुंदर बनाने के लिए और उसके विकास के लिए व्यापक तोड़फोड़ की गई। इससे नागरिकों एवं व्यापारियों को विस्थापन का सामना करना पड़ा। इसके एवज में उन्हें नाममात्र का मुआवजा मिला। इतना ही नहीं ,जब पुनर्वास के लिए सरकारी व्यवसायिक परिसर में दुकानें आवंटित हुईं तो स्थानीय लोगों को 20 से 30 गुना तक की कीमत चुकानी पड़ी।

स्थानीय धर्माचार्यों की अनदेखी
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और भगवान राम अयोध्या की थाती है। राम की नगरी में रहने वाले स्थानीय धर्म आचार्य और नागरिकों को प्रशासन से किसी विशेषाधिकार की अपेक्षा थी। लेकिन क्षेत्र ट्रस्ट ने इसकी पूरी अनदेखी की, जिस कारण भाजपा कार्यकर्ता मायूस हो गये और उन्होंने चुनाव प्रचार में उत्साह के साथ हिस्सा नहीं लिया।

 भाजपा की उम्मीदें धाराशाई
भाजपा के उम्मीदवार लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से 54 हजार 567 मतों से हार का सामना करना पड़ा। अयोध्या में भाजपा निर्णायक बढ़त लेती थी लेकिन इस बार लोगों ने मतदान के प्रति उत्साह नहीं दिखाया।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.