मुंबई (Mumbai) में रविवार (1 सितंबर) होने वाले महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) के “जोड़े (जूते) मारो” आंदोलन (Movement) को पुलिस की अनुमति नहीं मिली है। फिर भी महा विकास अघाड़ी के नेताओं (Leaders) ने मुंबई के सड़कों पर आंदोलन निकाला। गौरतलब हो कि चार दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा अनावरण की गई छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा के ढहने से पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में आक्रोश फैल गया।
इस घटना के खिलाफ महाविकास अघाड़ी ने मुंबई में “जोड़े (जूते) मारो” आंदोलन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व एनएसपी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना उबाठ के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने किया।
#WATCH | MVA holds a protest march in Mumbai over Chhatrapati Shivaji Maharaj's statue collapse incident.
Shiv Sena (UBT) MP Arvind Sawant says, "…Chhatrapati Shivaji Maharaj is God-like for us. His statue collapsed and with that, our devotion, honour, and self-respect… https://t.co/LIggcYsxcx pic.twitter.com/FEDLuBLx1c
— ANI (@ANI) September 1, 2024
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‘जय भवानी, जय शिवाजी’ के नारे लगाए गए
महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई की सड़कों पर उतरने का फैसला किया, जिससे यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ और ‘जैसे नारों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया की ओर मार्च किया।
महाविकास अघाड़ी ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप
शुरुआत में पुलिस ने इस मार्च की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, महाविकास अघाड़ी ने सवाल उठाया था कि रविवार की छुट्टी के दिन भी कार्यालय बंद थे तो आंदोलन की अनुमति क्यों नहीं दी गई। इस आंदोलन के जरिए महाविकास अघाड़ी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा और सरकार की कार्य कुशलता पर सवाल उठाए।
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