केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार में यह दरार गठबंधन की शुरुआत से है क्योंकि गठबंधन न विचारधारा के आधार पर है और न ही इसका नीति सिद्धांत है। यह सत्ता और कुर्सी की भूख का गठबंधन है। अगर अघाड़ी से सरकार नहीं संभल रही, तो उन्हें पीछे हट जाना चाहिए, ताकि महाराष्ट्र को स्थिर सरकार मिल सके।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया मंगलवार को ग्वालियर प्रवास के दौरान भाजपा के संभागीय मीडिया सेंटर के शुभारंभ अवसर पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अघाड़ी गठबंधन के तीनों दल एक मत नहीं हैं, क्योंकि इनके सिद्धांत और विचारधारा के साथ स्वार्थ भी अपने-अपने हैं। साथ चलकर प्रदेश के विकास की सोच नहीं है। इसलिए इनके बीच द्वंद स्वभाविक है। राज्यसभा के चुनाव से ही इनके बीच बौखलाहट है और विधान परिषद के चुनाव के बाद जो सड़कों पर आ गई है।
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फडणवीस की प्रशंसा
सिंधिया ने कहा कि भाजपा का अपना सिद्धांत और विकास का दृष्टिकोण है। भाजपा लोकतांत्रिक व सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ रही है। भाजपा की सोच रही है कि केंद्र व राज्यों में स्थिर सरकार रहे। उन्होंने कहा कि हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस की तारीफ शरद पवार ने स्वयं की। लोगों से मेल मिलाप और लोगों को साथ में जोड़ कर रखने की उनकी क्षमता अद्भुत है।
बेमेल गठबंधन अपने कुनबे को संभाल नहीं पा रहा और दोष भाजपा पर मढ़ रहा हैः पवैया
इस अवसर पर महाराष्ट्र भाजपा के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने कहा कि विधान परिषद चुनाव में अघाड़ी गठबंधन की बड़ी पराजय हुई है, जिसके कारण उनमें भय, गुस्सा और बौखलाहट है। बेमेल गठबंधन से बनी अघाड़ी सरकार अपने कुनबे को संभाल नहीं पा रही है और दोष भाजपा पर लगा रही है। उन्होंने कहा कि बाला साहब ठाकरे ने अयोध्या आंदोलन में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर भाग लिया। लंबे संघर्ष और बलिदानों के बाद जब मंदिर निर्माण का शुभ दिन आया तो महाराष्ट्र सरकार ने रामभक्तों पर लठियां चलाईं। रामभक्तों को दुख इस बात से हुआ कि इस सरकार की कमान बाला साहब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे के हाथ में थी। यह बात उनके अपने विधायकों को भी नहीं पच रही है, इसलिए विधान परिषद में इस गठबंधन को केवल पांच सीटें मिली। जिसके कारण इनमें बौखलाहट है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को संभालने का दायित्व मां का होता है, पड़ोसी का नहीं। अघाड़ी सरकार पर अपने कुनबे को संभालने की जिम्मेदारी है, भाजपा की नहीं।