India-Bangladesh Cricket Series: भारत और बांग्लादेश के बीच 19 सितंबर से क्रिकेट मैच सीरीज खेली जानी है। इस बीच बांग्लादेश के साथ सीरीज खेले जाने का भारत में विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर इस सीरीज के विरोध में आवाज उठने लगी है। जिस देश में हिंदुओं का नरसंहार किया जा रहा है, उनके घरों को तोड़ा जा रहा है और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, उस देश के साथ क्रिकेट खेलने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। विनायक दामोदर सावरकर के पोते और स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने इस सीरीज का खुलकर विरोध किया है।
भारत-बांग्लादेश क्रिकेट सीरीज का विरोध
रणजीत सावरकर ने सुदर्शन टीवी चैनल से बात करते हुए 19 सितंबर से खेली जाने वाली भारत- बांग्लादेश क्रिकेट सीरीज का विरोध किया। उन्होंने कहा,” भारत के लोगों को चाहिए कि वे उस सीरीज का बायकॉट करें, बांग्लादेश का आर्थिक बहिष्कार करें। इस क्रिकेट मैच के जरिए न सिर्फ हम उसे मान्यता दे रहें हैं बल्कि हम उसे फायनैंस भी कर रहे हैं। हमें चाहिए कि हम उनका तब तक बहिष्कार करें, जब तक वहां हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे किसी भी इस्लामिक देश, जिसमें हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं, हम उसका आर्थिक बहिष्कार करें। जो भी व्यक्ति, जो भी संस्था अभी बांग्लदेश के साथ आर्थिक व्यापर करेगी , सपोर्ट करेगी या उनका समर्थन करेगी, उनका भारत में बहिष्कार होना चाहिए और वो होगा।
‘मारे हिंदू ही जाते हैं, यह इतिहास है’
उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि भारत में जो 8 प्रतिशत बांग्लादेशी वोटर घुसे हुए हैं, उनकी पहुंच यहां तक है कि सुदर्शन चैनल का जो कार्यक्रम है, उसमें भी वो घुस रहें हैं, यह दुर्भाग्य की नहीं, बड़ी शर्म की बात है। क्योंकि ये समस्या आज का नहीं है, 1946 में, आज का जो बांग्लादेश है, उसके नोआखाली और टिपरा जिले में एक भी हिन्दू जिन्दा नहीं बचा था। यह 1946 की बात है। हमलोग भूल गए सब। उसके बाद 1971 से पहले के पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी ने जो अत्याचार किए, वो हिन्दुओं पर ही किए। इसलिए 1971 में कांग्रेस की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान पर हमला किया और उसके दो टुकड़े हुए और आज इतने साल बाद भारत के जमात-ए-इस्लामी, पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी एक साथ इकट्ठा हो गए हैं। एक गहरे षड़यंत्र के कारण बांग्लादेश की सरकार बदली गई है, जो एंटी- हिन्दू है, एंटी-भारत है।”
8 करोड़ हिंदुओं की हत्या
स्वातंत्र्यवीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने आगे कहा, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि 1947 से लेकर आज तक इन दो देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान में करीब 8 करोड़ हिन्दू मारें गए हैं। और हमने इसके विरोध में एक शब्द नहीं कहा। 1989 में कश्मीर में जो हुआ, उससे कहीं ज्यादा हत्याएं ,आज बांग्लादेश में हो रही है। इसीलिए यह हिन्दू धर्म पर प्रहार है और हमारी सरकार ने जो वचन दिया था कि हम वहां के अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे, वो वचन उसे पूरा करना चाहिए। हमें यह राष्ट्रीय समस्या समझकर बांग्लादेश का आर्थिक बहिष्कार करना चाहिए।”
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‘गद्दारों से कोई रिश्ता नहीं’
रणजीत सावरकर ने कहा, “मेरा सवाल यह है कि अफगानिस्तान में कुछ हो, बांग्लादेश में कुछ हो , इन देशों में दो पार्टियों में कुछ हो, जहां कहीं भी कुछ होता हो , वहां मारे तो हिन्दू हीं जाते हैं। यहां तक कि जो CAA का आंदोलन हुआ, उसमें भी मारे तो हिन्दू ही गए। यह इतिहास है , जब तक हिन्दू जागते नहीं हैं, ऐसा ही होता रहेगा। मैं हिन्दुओं से कहता हूं कि हमारे पास एक ही हथियार है, हमारी जेब का पैसा। हमारा पैसा उन देशों के पास नहीं जाना चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए, हमारे देश का पैसा उनके पास नहीं जाना चाहिए। यह हमें प्रण लेना चाहिए। हमें उनके साथ कोई रिश्ता नहीं रखना है। महिलाओं से उनके पति और बच्चों के सामने बलात्कार हो रहा है। हमें इसका प्रतिकार करना है। इसके लिए खेल भावना या कोई भी भावना का परित्याग करना होगा। वो गद्दार हैं, गद्दारों से कोई रिश्ता नहीं रखना है, ये बात हमें समझनी चाहिए।”