प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के सोमवार को सहायता किट का वितरण किया गया। खूंटी जिले में कोरोना के कारण अनाथ हुए तीन बच्चों को इस योजना से जोड़ा गया है। सोमवार को योजना के शुभारंभ के दौरान जिला प्रशासन द्वारा सभी तीन अनाथ गच्चों को प्रधानमंत्री द्वारा बच्चों के नाम स्नेह पत्र भेंट किया गया। इसके साथ ही इन बच्चों को पीएम केयर सर्टिफिकेट,पीएम केयर पोस्ट ऑफिस पास बुक, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से संबंधित हेल्थ कार्ड(इसके तहत पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार किया जा सकता है) सहित अन्य कागजात प्रदान किये गये।
प्रत्येक बच्चे के पोस्ट आफिस के खाते में 18 वर्ष पूरे होने पर 10 लाख रुपये कॉर्पस मनी जमा होगी और 18 वर्ष से 23 वर्ष तक प्रत्येक माह स्टाइपेंड मिलेगा। 23 वर्ष पूरे होने पर बच्चों को एकमुश्त 10 लाख रुपए दिये जाएंगे। उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को शिक्षा ऋण शून्य प्रतिशत व्याज पर मिलेगा। वर्तमान में बच्चों को बाल संरक्षण योजना की स्पॉन्सरशिप योजना के तहत शिक्षा, पोषण एवं चिकित्सा के लिए प्रतिमाह दो हजार रु की आर्थिक सहयोग राशि दी जा रही है। अप्रैल 2022 से यह राशि चार हजार कर दी गई है। बच्चों को तकनीकी शिक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 50 हजार रूपये दिये जायेंगे।
यह भी पढे-IPL 2022 : खिताब जीतने के बाद क्या बोले हार्दिक? जानिये, इस खबर में
तीनों बच्चों का नामांकन प्रक्रियाधीन
पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना का उद्देश्य कोविड से अनाथ हुए बच्चों का भरण पोषण, उन्हें अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य योजना का लाभ तथा उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना है। बच्चों को भोजन और बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। ऐसे बच्चों को शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाने के साथ 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।