Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (Andhra Pradesh Deputy Chief Minister) पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने इंडिया टुडे टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कई मुद्दों पर बात की, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न (Persecution of Hindus in Bangladesh), सनातन बोर्ड की आवश्यकता (Need for Sanatan Board), धार्मिक पहचान का सार्वजनिक प्रदर्शन (Public Display of Religious Identity) और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanam) (टीटीडी) का शासन शामिल है।
कल्याण ने मंदिरों के कथित कुप्रबंधन पर दुख जताया, खासकर पिछली जगन सरकार के दौरान, और तिरुपति में प्रसाद में मिलावट को बहुत ही व्यक्तिगत दुख का क्षण बताया। “जब मैंने मिलावटी प्रसाद के बारे में सुना तो मैं जो महसूस कर रहा था, उसे मैं व्यक्त नहीं कर सकता। पिछली सरकार (जगन सरकार) ने तिरुपति को एक व्यवसाय की तरह माना था”।
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न्यायपालिका की भी आलोचना
कल्याण ने मंदिर प्रशासन में सुधार का आह्वान किया और हिंदू प्रथाओं के लिए अधिक सम्मान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रसाद विवाद के ऐतिहासिक संदर्भ को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं करने के लिए न्यायपालिका की भी आलोचना की, उन्होंने कहा, “माननीय न्यायालय को प्रसाद विवाद के इतिहास को देखना चाहिए था”
केवल हिंदुओं का नियंत्रण
पावर स्टार कल्याण ने मंदिर प्रशासन बोर्ड में गैर हिन्दुओं के मौजूदगी पर भी सवाल उठाया। और यह मांग की सर हिन्दू ही मंदिर प्रशासन में चुने जाए, इसके लिए उन्होंने कहा ,” मंदिर सिर्फ हिन्दुओं द्वारा चलाया जाना चाहिए, क्या आप मक्का के प्रशासन में एक हिंदू को देखे सकते हैं ? आप यहूदी के पास जाते हैं, मेरा मतलब है, और आप उम्मीद करते हैं कि वहां एक गैर यहूदी व्यक्ति होगा। आप मक्का जाते हैं, आप वहां एक हिंदू की उम्मीद करना चाहते हैं। आप एक चर्च में जाते हैं, आप यरूशलेम जाते हैं, क्या आप उम्मीद करते हैं कि गैर ईसाई वहां होंगे। मुझे लगता है कि मुझे इसके बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए। मुझे इस बारे में कोई भ्रम नहीं है। हिंदुओं के मंदिर पर केवल हिंदुओं का नियंत्रण होना चाहिए।”
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