दो पूर्व भाजपा सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रहे नेता पश्चिम बंगाल से चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। ये दोनों ही नेता ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से उम्मीदवार है। शत्रुघ्न सिन्हा अपने लिये लंबे काल से राजनीतिक पनाह ढूंढ रहे थे, जो ममता बनर्जी की छांव में मिली है।
बाबुल सुप्रियो का संसदीय क्षेत्र रहा आसनसोल अब शत्रुघ्न सिन्हा का संसदीय क्षेत्र बन गया है, जबकि बाबुल सुप्रियो बालूगुंगे विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं। इसकी घोषणा ममता बनर्जी ने की है। ये दोनों ही नेता भारतीय जनता पार्टी के सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
ये भी प
किस्मत ने खामोश किया
शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए थे, परंतु वहां उन्हें चुनावी सफलता नहीं मिल पाई। यही नहीं राजपाट के चक्कर में उनकी पत्नी पूनम सिन्हा भी लखनऊ से चुनावी मैदान में उतरी थीं, परंतु, पति-पत्नी दोनों की किस्मत ने साथ नहीं दिया और हार के कारण दूसरों को खामोश करनेवाले सिन्हा साहब को खुद खामोश होना पड़ा।
गया मंत्री पद तो बदले सुर
इसी प्रकार केंद्रीय मंत्रीमंडल से बाहर होने के बाद बाबुल सुप्रियो के सुर अलग होने लगे थे। पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद उन्होंने, अपना सुर-ताल सब बदल दिया और तृणमुल कांग्रेस की शरण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुर से सुर मिला रहे हैं।
इसलिए आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा
पश्चिम बंगाल से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार आसनसोल संसदीय सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे की करीबी सायोनी घोष लड़नेवाली थीं। सायोनी टीएमसी के युवा विंग की अध्यक्ष हैं। सूत्रों के अनुसार टीएमसी अध्यक्ष और सीएम बुआ ने भतीजे अभिजीत बनर्जी की बढ़ती आवाज को खामोश करने के लिए आयातित उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दे दिया।