अपने ही सांसद के खिलाफ क्यों हुई टीएमसी!

तृणमूल कांग्रेस में पलायन का दौर तेजी से जारी है। एक तरफ अपनों से ही हमले झेल रही है ममता की पार्टी तो दूसरी तरफ मंत्री पद छोड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के पहले टीएमसी अपना कुनबा बचाने के लिए जी-जान से प्रयत्न कर रही है।

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तृणमूल कांग्रेस नेताओं के पलायन से जूझ रही है। इस बीच खबर है कि अपने ही सांसद की सदस्यता रद्द करने के लिए उसे लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखना पड़ा है। इस पत्र के बाद अब टीएमसी के अपने ही नेताओं के खिलाफ होने की संख्या में वृद्धि हो गई है।

टीएमसी ने अपने सांसद सुनील कुमार मोंडल के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा है। इसका कारण जो सामने आया है उसके अनुसार सुनील कुमार मोंडल ने टीएमसी से इस्तीफा दिये बगैर ही बीजेपी की सदस्यता ले ली है। इस संदर्भ में एक पत्र सुदीप बैनर्जी ने लिखा है।

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खत में लिखी बीजेपी की ख़ता

टीएमसी के नेता सुदीप बैनर्जी लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में उल्लेख करते हैं कि, पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से बीजेपी द्वारा उसके सदस्यों को लालच देने की कोशिशें हो रही हैं। ये भ्रष्टाचार, घूसखोरी और अन्य अवैध तरीकों से किया जा रहा है। 19 दिसंबर 2020 को गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में एक रैली का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर कई टीएमसी सदस्यों ने बीजेपी में प्रवेश किया। इनमें से एक सुनील कुमार मोंडल भी हैं जिन्होंने उनकी उपस्थिति में बीजेपी जॉइन किया है। सुनील कुमार से टीएमसी को कोई इस्तीफा नहीं मिला है। उनका यह टीएमसी के लिए घातक है।

अब टीएमसी के रतन ने मंत्री पद छोड़ा

ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने, बतौर विधायक बने रहने की बात कही है। जिसे लेकर सीएम ममता बनर्जी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

 

 

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