Rajya Sabha: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 फरवरी को राज्यसभा में कांग्रेस पर परिवारवाद, तुष्टीकरण की राजनीति, जाति, संविधान, भ्रष्टाचार और लाइसेंसराज को लेकर जमकर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर आज देश चैन की सांस ले रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर काम कर रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण भविष्य का मार्गदर्शक है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर वोट हासिल करने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास हम सभी का दायित्व है, लेकिन कांग्रेस से इसकी उम्मीद करना बड़ी भूल है। पूरी पार्टी सिर्फ़ एक परिवार के लिए समर्पित है और इसलिए उसके लिए ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श वाक्य के साथ काम करना असंभव है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति का मंत्र हमेशा दूसरे की लकीर छोटी करना रहा। इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया। किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। उन्होंने जो ये रास्ता चुना है उसके चलते लोकसभा चुनाव के बाद उनके साथ जो थे, वे भी भाग रहे हैं।
लाइसेंस परमिट राज ने भारत की प्रगति को नुकसान पहुंचाया
लाइसेंस राज को कांग्रेस की पहचान बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन में लाइसेंस परमिट राज ने भारत की प्रगति को नुकसान पहुंचाया, रिश्वतखोरी बड़े पैमाने पर थी। कांग्रेस के एक पूर्व वित्त मंत्री ने माना था कि लाइसेंस परमिट के बिना कोई काम नहीं होता और उन्होंने ये भी कहा था कि लाइसेंस परमिट बिना रिश्वत के नहीं होता है। इस सदन में कांग्रेस के सदस्य मौजूद हैं, जिनके पिताजी के पास खुद के पैसे थे और वो कार खरीदना चाहते थे, लेकिन 15 साल तक उन्हें कार खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ा था।
अटकाना-भटकाना और लटकाना उनकी संस्कृति
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कालखंड में अटकाना-भटकाना और लटकाना उनकी संस्कृति बन गई थी। सरयू नहर परियोजना, बारामूला रेल लिंक परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने अटके-भटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम किया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए हमने प्रगति नाम की व्यवस्था बनाई और वह स्वयं नियमित रूप से इस प्रगति प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की विस्तार से मॉनिटरिंग करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर आज देश चैन की सांस ले रहा है और ऊंची उड़ान भी भर रहा है। कांग्रेस के लाइसेंस राज और उसकी कुनीतियों से बाहर निकलकर हम मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं। शाही परिवार के आर्थिक कुप्रबंधन और गलत नीतियों के कारण पूरे समाज को दोषी ठहराया गया और दुनिया भर में बदनाम किया गया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रतिबंधों और लाइसेंस राज की नीतियों ने भारत को दुनिया में सबसे धीमी आर्थिक विकास दर में धकेल दिया। यह कमजोर विकास दर, इस विफलता ने दुनिया में ‘हिंदू की वृद्धि की दर’ शब्द को गढ़ा। यह एक पूरे समाज का अपमान था, जो सत्ता में उन लोगों की विफलता का प्रतिबिंब था।
संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब से नफरत के चलते कांग्रेस ने दो-दो बार उनको चुनाव में पराजित करने के लिए क्या कुछ नहीं किया था।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि समाज में जाति का जहर फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से विभिन्न दलों के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सांसद ओबीसी पैनल को संवैधानिक मान्यता देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा, “आज जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है लेकिन तीन दशक तक, दोनों सदनों में सभी दलों के ओबीसी सांसद सरकारों से मांग करते रहे थे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन उनकी मांग को ठुकरा दिया गया। क्योंकि शायद उस समय उनकी (कांग्रेस) राजनीति को ये शूट नहीं करता होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद मौजूदा भाजपा नीत सरकार ने ओबीसी पैनल को संवैधानिक दर्जा दिया है। उन्होंने कहा, “जब भी आरक्षण का मुद्दा उठा, देश में दरार पैदा करने के लिए ऐसा किया गया।” मोदी ने कहा कि पहली बार हमने एक मॉडल दिया, हमने किसी से छीने बिना आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों ने इसका स्वागत किया, किसी को कोई समस्या नहीं थी।
आपातकाल के लिए कांग्रेस की आलोचना
प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और इसे पार्टी के भीतर शाही परिवार के अहंकार को बढ़ावा देने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को निशाना बनाया और उस दौरान सरकार का समर्थन करने से इनकार करने वाले अभिनेताओं, गायकों, कवियों और गीतकारों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। उन्होंने इस संबंध में गायक किशोर कुमार और अभिनेता देव आनंद तथा बलराज साहनी जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र किया। उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने को लेकर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस जैसे सांसदों को हथकड़ी लगाकर जेल में डाल दिया गया था।
मोदी ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की काव्यात्मक बहस के जवाब में सदन में शेर पढ़ा। उन्होंने कहा, “तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर, दीया जलाया है।”
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