जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में होगी पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका पर चर्चा

जी20 पहल के तहत 'दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में टीबी को समाप्त करने के लिए स्थायी, तेज और नवाचार' आधारित मंत्रिस्तरीय बैठक का उद्देश्य टीबी के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना और इसका उन्मूलन सुनिश्चित करना है।

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भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक 17 से 19 अगस्त, 2023 के दौरान गांधीनगर, गुजरात में होगी। भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी और वर्तमान में इंडोनेशिया, भारत तथा ब्राजील जी20 ट्रोइका का हिस्सा हैं। भारत की जी20 की अध्यक्षता में पहली बार तिकड़ी में तीन विकासशील देश और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।

जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक का ध्यान मुख्य रूप से जी20 हेल्थ ट्रैक की तीन प्रमुख प्राथमिकताओं पर होगा, जिसमें एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध और एक स्वास्थ्य ढांचे पर ध्यान देने के साथ स्वास्थ्य आपात स्थितियों की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया सहित सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण और किफायती चिकित्सा उपायों (टीके, चिकित्सीय और नैदानिक) तक पहुंच और उपलब्धता पर ध्यान देने के साथ फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना; तथा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में सहायता करने और स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार के लिए डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार एवं समाधान करना शामिल है।

जी20 प्रतिनिधियों की 17 अगस्त, 2023 को बैठक और 18-19 अगस्त, 2023 को जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के अलावा, चार अतिरिक्त कार्यक्रम होंगे जिनमें वन अर्थ वन हेल्थ एडवांटेज हेल्थ केयर – इंडिया 2023; डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन; इंडिया मेडटेक एक्सपो 2023; और ‘दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में टीबी को समाप्त करने के लिए स्थायी, तेज और नवाचार’ सम्मेलन शामिल हैं। 19 अगस्त, 2023 को जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के फोकस कार्यक्रम के रूप में वित्त-स्वास्थ्य मंत्रियों की संयुक्त बैठक भी होगी। जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान जी20 के संयुक्त सत्र और अतिरिक्त कार्यक्रम भी होंगे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव श्री लव अग्रवाल ने गांधीनगर में कल से शुरू होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम से पहले मीडिया को यह जानकारी दी।
आयुष सचिव राजेश कोटेचा ने कहा, “जी20 पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की अगुवाई को दर्शाने का एक अनूठा अवसर है। पिछले 9 वर्षों में भारत ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में 8 गुना वृद्धि की है। वर्ष के अंत तक, देश भर में 12,500 से अधिक आयुष-आधारित स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र कार्य करने लगेंगे, जिनमें से 8,500 पहले से ही मौजूद हैं।

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केंद्रीय आयुष सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जामनगर, गुजरात में स्थापित पारंपरिक दवाओं का वैश्विक केंद्र, किसी विकासशील देश में इस तरह का पहला केंद्र है। उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन बुलाएगा जिसकी सह-मेजबानी 17 और 18 अगस्त, 2023 को यहां गांधीनगर में आयुष मंत्रालय करेगा। यह पारंपरिक चिकित्सा पर वैश्विक सम्मेलन गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने और वैश्विक स्वास्थ्य एवं स्थायी विकास के क्षेत्र में रचनात्मक बदलाव लाने के लिए पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा की भूमिका का पता लगाएगा।

जी20 पहल के तहत ‘दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में टीबी को समाप्त करने के लिए स्थायी, तेज और नवाचार’ आधारित मंत्रिस्तरीय बैठक का उद्देश्य टीबी के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना और इसका उन्मूलन सुनिश्चित करना है।

लव अग्रवाल ने भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत पहचानी गई तीन प्रमुख स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत का ध्यान मुख्य से किफायती, पहुंच योग्य और उपयोगिता पर है जो हमें स्वास्थ्य सेवा पर वैश्विक स्तर हासिल करने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अपनी जी20 की अध्यक्षता का उपयोग ग्लोबल साउथ की चिंताओं को उठाने के लिए करना जारी रखेगा।

लव अग्रवाल ने कहा कि एक तालमेल के दृष्टिकोण के माध्यम से विनिर्माण, अनुसंधान और विकास पहलुओं के विस्तार पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत, 19 अगस्त, 2023 को शुरु होने वाले डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल का उद्देश्य आज की दुनिया में डिजिटल स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में प्रयासों को मजबूत करना है।

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