राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण से खुलेंगे रोजगार के नये द्वारः केशव मौर्य

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग ग्रामीण परिवारों के उत्थान के लिए सतत् प्रयासरत है।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) द्वारा ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण देकर और अधिक कुशल, दक्ष और हुनरमंद बनाया जा रहा है। राजमिस्त्रियों (Employment) के प्रशिक्षण से उनके रोजगार के नये द्वार खुल रहे हैं और उनकी आय में बढ़ोतरी (Increase) भी हो रही है। यही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana-Rural) और मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (Chief Minister Awas Yojana-Rural) के तहत बनाये जा रहे आवासों की गुणवत्ता में भी और अधिक सुधार होगा। ग्रामीण क्षेत्र के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पुरूष/ महिला को सर्टिफिकेशन के बाद बड़े जगहों और निर्माण एजेन्सियों में कार्य करने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी कार्य क्षमता के उपयोग के साथ उन्हें बेहतर मजदूरी भी मिलती है।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग ग्रामीण परिवारों के उत्थान के लिए सतत् प्रयासरत है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत रूरल मेसन ट्रेनिंग इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशिक्षण से ग्रामीण क्षेत्रों में राजमिस्त्रियों की पर्याप्त उपलब्धता से निर्माण कार्यों में तेजी आएगी तथा लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर भी प्राप्त होगे। विशेष बात तो यह भी है कि इस योजना में महिला राजमिस्त्रियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।पुरूषों के साथ महिला राजमिस्त्रियों का प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे महिला सशक्तीकरण एवं उनको आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण के आवासों की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने तथा घरों के निर्माण के लिए कुशल राजमिस्त्रियों उपलब्धता सुनिश्चित कराने के दृष्टिगत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत रूरल मेसन ट्रेनिंग का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

ग्राम्य विकास विभाग करा रहा प्रशिक्षण
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर जो राजमिस्त्री का प्रशिक्षण लेने के इच्छुक हो, को प्रशिक्षण देने की कार्यवाही की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में जो राजमिस्त्री पहले से राजगीरी का काम कर रहे होते हैं ,उन्हें 15दिन का और जो व्यक्ति राजमिस्त्री का काम नहीं करते हैं या नहीं जानते हैं और प्रशिक्षण लेने के इच्छुक होते हैं, तो उन्हें 45 दिन का प्रशिक्षण देकर कुशल मिस्त्री बनाया जाता है।

यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के ग्रामीण राजमिस्त्री अर्हता पैक के अनुसार दिया जा रहा है। प्रदेश में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा दीन दलाय उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बक्शी का तालाब, लखनऊ को प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेन्सी नामित किया गया है।

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