महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब और एसटी कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल की 20 नवंबर को हुई बैठक हड़ताल के मुद्दे को हल करने में विफल रही। बैठक में अनिल परब ने कहा कि एसटी के राज्य सरकार में विलय के बारे में निर्णय बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के अनुसार होगा। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में महाधिवक्ता से चर्चा करने की बात कही। परविहन मंत्री के इस बयान से नाराज एसटी कर्मियों ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया।
एसटी कर्मियों के खिलाफ कर्रवाई जारी
इस बीच निगम की एसटी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। 20 नवंबर को 380 एसटी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। इस कार्रवाई के बाद भी कर्मचारी विलय के मुद्दे पर अड़े हुए हैं और उन्होंने अपना आक्रामक रुख बरकरार रुखा है। राज्य भर के एसटी कर्मी अपने परिवार के साथ मुंबई के आजाद मैदान में जमे हुए हैं।
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अब तक 2,937 निलंबित
20 नवंबर को एसटी के मुंबई सेंट्रल मुख्यालय में परिवहन मंत्री अनिल परब, वरिष्ठ अधिकारी, एसटी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल और एड. सदावर्ते के बीच एक बैठक हुई। बैठक में कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल ने निगम को राज्य सरकार में विलय की मांग फिर से उठाई। एसटी स्टाफ ने भी महाधिवक्ता से चर्चा कर समस्या के समाधान की मांग की। हालांकि, इस पर न्ययालय द्वारा एक समिति नियुक्त की गई है। निलंबित कर्मचारियों की संख्या अब 2,937 हो गई है।
20 नवंबर को 143 बसें चलीं
इस बीच 20 नवंबर को 143 बसें चलीं। इसमें 46 शिवनेरी, 83 शिवशाही और 14 साधारण बसों का संचालन किया गया, जबकि इन बसों में 4,280 यात्रियों ने यात्रा की।