विवादों में चल रहे शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। ईडी के रडार पर चल रहे परब के दापोली स्थित रिसॉर्ट को लेकर सरकार के रुख से उनकी परेशानी बढ़ती दिख रही है।
महाराष्ट्र के दापोली स्थित परिवहन मंत्री के रिसॉर्ट के अवैध होने और उसे गैर-कृषि लाइसेंस लैंड होने की जानकारी सरकार ने लोकायुक्त के पास शपथ पत्र दायर कर दी है। इस बात की जानकारी भारतीय जनता पार्टी नेता किरीट सोमैया ने ट्वीट कर दी है।
रिसॉर्ट के भूखंड का लाइसेंस अवैध
बता दें कि भाजपा नेता सोमैया ने दावा किया था कि दापोली में ठाकरे सरकार में मंत्री अनिल परब द्वारा बनाया गया रिसॉर्ट अवैध है। ईडी ने भी इसे माना है। सोमैया ने लोकायुक्त के पास रिसॉर्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल लोकायुक्त रिसॉर्ट की जांच कर रहा है।
ठाकरे सरकार चे मंत्री अनिल परबचा दापोली रिसॉर्ट बेकायदेशीर आहे व त्याचा बिनशेती परवाना फसवणुकीने, फॉर्जरी करून घेण्यात आला होता. तो आत्ता रद्द करण्यात आला आहे आहे असे एफिडेविट महाराष्ट्र शासनाने काल लोकायुक्त यांचा कडील सुनावणीत दाखल केले सांगीतले@BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/TcTUVIP1T0
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) December 8, 2021
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राज्य सरकार ने सौंपा शपथ पत्र
मामले में ठाकरे सरकार ने लोकायुक्त को एक शपथ पत्र दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि रिसॉर्ट अवैध है। सरकार ने अपने शपथ पत्र में यह भी कहा है कि रिसॉर्ट बनाने के लिए इस्तेमाल की गई जमीन, जिसका इस्तेमाल गैर-कृषि लाइसेंस के रूप में किया गया था, धोखाधड़ी से हासिल की गई है। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप में अनिल परब का भी नाम आया है। इन कारणों से भविष्य में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।