पश्चिम बंगाल में मवेशी तस्करी मामले में सीबीआई के हाथों गिरफ्तार राज्य के धाकड़ नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अणुव्रत मंडल के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस अब सांगठनिक कार्रवाई की तैयारी में है। सूत्रों ने बताया है कि उन्हें बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष के पद से हटाया जा सकता है। इसका संकेत देते हुए तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा है कि उचित समय पर पार्टी निश्चित तौर पर कार्रवाई करेगी।
इसके पहले शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में ईडी के हाथों पार्थ चटर्जी जैसे बड़े नेता की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने के साथ ही पार्टी ने सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया था। इसी तरह से 11 अगस्त को जब सीबीआई ने अणुव्रत मंडल को गिरफ्तार किया है तो इस बारे में सांसद शांतनु सेन ने कहा कि जांच कानून के मुताबिक चलनी चाहिए। सीबीआई के पास मामलों की सूची पड़ी हुई है। सभी मामले अपने हाथ में ले लेती है लेकिन जांच पूरी नहीं कर पाती। मवेशी तस्करी मामले में अणुव्रत की गिरफ्तारी हुई है तो जांच खत्म होनी चाहिए। पार्टी पूरे हालात पर नजर रख रही है। सही समय पर कार्रवाई करेगी। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई की प्राथमिकी में भाजपा के कई नेताओं का नाम हैं, जो खुलेआम घूम रहे हैं। उनके खिलाफ भी जांच शुरु होनी चाहिए।
भाजपा नेता दिलीप घोष ने कसा तंज
इधर मंडल की गिरफ्तारी पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि मंडल का खेल खत्म हो गया। और कई लोग लाइन में हैं। बीरभूम के बाहुबली नेता अणुव्रत की गिरफ्तारी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी तंज कसा और कहा है कि अब उन्हें जेल में विश्राम करना होगा। काफी लुकाछिपी के बाद अब पकड़े गए हैं।
माकपा ने भी बोला हमला
दूसरी ओर माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अणुव्रत मंडल ने विपक्ष के नेताओं को थप्पड़ मारने, पैर तोड़ने, गर्दन काटने की धमकी लगातार दी और ममता बनर्जी ने उन्हें प्रश्रय दिया था। जांच में अब सारे तथ्य उजागर होने चाहिए।