इन मांगों को मानने के बाद एसटी कर्मियों की हड़ताल समाप्त!

एसटी कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की थी। दिवाली से ऐन पहले बसों के बंद होने से प्रदेश के एसटी यात्रियों की चिंता बढ़ गई थी।

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महाराष्ट्र राज्य परिवहन के कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगें महंगाई भत्ता और आवास भत्ते में वृद्धि को स्वीकार कर लिया गया है। इसके बाद उनकी 27 अक्टूबर से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त हो गई है। एसटी कर्मियों की हड़ताल समाप्त होने से दीपावली की पृष्ठभूमि में यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।

एसटी कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की थी। दिवाली से ऐन पहले बसों के बंद होने से प्रदेश के एसटी यात्रियों की चिंता बढ़ गई थी। इस बीच परिवहन मंत्री और एसटी निगम के अध्यक्ष अनिल परब ने कृति समिति को चर्चा के लिए बुलाया था। यात्रियों की असुविधा को देखते हुए परब ने यह पहल की। चर्चा के बाद एसटी कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन वापस लेने का फैसला किया।

ये थीं प्रुमख मांग
एसटी कर्मचारियों को फिलहाल 12 प्रतिशत डीए मिलता है। कर्मचारियों की मांग थी कि इसे सरकारी कर्मचारियों की तरह 28 प्रतिशत किया जाए। बता दें कि कुछ दिन पहले डीए को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया था, लेकिन उन्हें इतनी कम वृद्धि स्वीकार्य नहीं थी। इस कारण एसटी कर्मियों की विभिन्न यूनियनों की कार्य समिति ने 27 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी।

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3 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि का आश्वासन
हड़ताल के कारण राज्य के कुछ हिस्सों में ड्राइवरों द्वारा सेवा प्रदान करने से इनकार करने के कारण एसटी बसें बंद थीं। अब उनकी दो प्रमुख मांगों को मानने के साथ ही यूनियन के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया है कि एसटी कर्मचारियों की 3 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि की मांग दीवाली बाद पूरी की जाएगी।

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