समाजवादी पार्टी ने अमर्यादित टिप्पणी व पार्टी विरोधी बातचीत के आरोप में दो नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आरोपित सपा नेता सलाउद्दीन मंसूरी और जुल्फिकार अहमद के मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव के ऊपर अमर्यादित टिप्पणी तथा पार्टी विरोधी बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद दोनों पर कार्रवाई का चाबुक चला है।
सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय सचिव हाजी जुल्फिकार अहमद और पार्टी की अल्पसंख्यक सभा के पूर्व प्रदेश सचिव सलाउद्दीन मंसूरी के बीच हुई बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। ये ऑडियो 19 मिनट 26 सेकेंड का है। यह विधानसभा चुनाव से पहले का बताया जा रहा है। इस ऑडियो में दोनों के बीच पार्टी विरोधी सियासी समीकरण का जिक्र हो रहा है।
पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने का आरोप
ऑडियो में हुई बातचीत में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के विरुद्ध भी टिप्पणी की गई है। जिसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना गया है। दोनों वरिष्ठ नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर सपा से छह-छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। दो दिन पहले जब सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो सपा के नेताओं तक पहुंची तो उन्होंने इसे पार्टी हाईकमान तक पहुंचा दिया।
जांच में पाए गए दोषी
सपा के महानगर महासचिव कुलदीप तुरैहा ने बताया कि ऑडियो की पार्टी स्तर पर जांच कराई गई, जिसमें दोनों नेताओं को पार्टी के संविधान का उल्लंघन करते हुए दोषी पाया गया और अनुशासनहीनता के आरोप में दोनों को तत्काल प्रभाव से 13 मार्च को छह-छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
ऑडियो से छेड़छाड़ करने का आरोप
समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के पूर्व प्रदेश सचिव सलाउद्दीन मंसूरी ने इस मामले में बताया कि ऑडियो को कट पेस्ट करके वायरल किया गया है। आवाज मेरी है लेकिन कुछ अल्फाज मेरे नहीं है। किसी ने सॉफ्टवेयर से एडिटिंग करके ऑडियो वायरल किया है। ऐसा करने वालों का मकसद मेरी छवि खराब करना है।
दी यह सफाई
समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय सचिव हाजी जुल्फिकार अहमद ने कहा कि मुझे निष्कासित कर दिया गया है। मैं अपना पक्ष रखूंगा। ऑडियो का कोई प्रमाण नहीं होता है क्योंकि कोई किसी का भी आवाज निकाल सकता है। सॉफ्टवेयर से आवाज एडिट की जा सकती है।