सत्र का कत्ल!

सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार की चाय-पानी का बहिष्कार करते हुए फडणवीस ने कहा कि हमें सत्र को लेकर पहले से ही शक था। 12 दिसंबर को शरद पवार के जन्म दिन पर कार्यक्रम हुआ था, दूसरे कार्यक्रम भी हो रहे हैं, तो फिर सत्र एक या दो सप्ताह का क्यों नहीं हो सकता था।

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मात्र दो दिन के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार को घेरते हुए सवाल पूछा है कि जब राज्य में हर तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं, तो शीतकालीन सत्र मात्र दो दिन का ही क्यों? सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार की चाय-पानी का बहिष्कार करते हुए फडणवीस ने कहा कि हमें सत्र को लेकर पहले से ही शक था। 12 दिसंबर को शरद पवार के जन्म दिन पर कार्यक्रम हुआ था, दूसरे कार्यक्रम भी हो रहे हैं, तो फिर सत्र एक या दो सप्ताह का क्यों नहीं हो सकता था। फडणवीस ने सरकार के इस निर्णय पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस सत्र का कोई मतलब नहीं है।

राज्य में अघोषित आपात काल
फडणवीस ने कहा कि राज्य में अघोषित आपात काल लागू है। सरकार के खिलाफ बोलनेवालों को जेल में डाल दिया जाता है। अर्नब गोस्वामी, कंगना रनौत के बयान से हम सहमत नहीं हैं, लेकिन जिस तरह की उनके खिलाफ कार्रवाई की गई उसके बाद कोर्ट में जिस तरह की टिप्पणी महाराष्ट्र सराकर पर की गई, उसके बाद यह सरकार कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार सुधरने की बजाय अहंकार में चूर है। ऐसी अहंकारी सरकार दुनिया में कहीं भी नहीं है।

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जवाब देने के लिए तैयार
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के अहंकार का उत्तर हम जरुर देंगे। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं और जनता के हित में हम इस सरकार को उत्तर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर सत्र में समय मिलेगा तो हम सरकार से हम सवाल पूछेंगे।

कोरोना पर दावा गलत
कोरोना काल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि उद्धव सरकार दावा करती है कि कोरोना को मात देने में हमने सफलता पाई है लेकिन सच्चाई सामने है, कोरोना से सबसे ज्यादा लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई है। आज भी कोरोना पर कंट्रोल नहीं है। लेकिन यह सरकार अपनी पीठ थपथाने में मगन है। इसके साथ ही उन्होंने मराठा समाज के आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगित किये जाने के लिए सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि सरकार ने इस मामले में उचित भूमिका नहीं निभाई। बिजली बिल पर उन्होंने सरकार को घेरते हुए यू टर्न लेने का आरोप लगाया।
उन्होंने मेट्रो पर सरकार को घेरते हुए कहा कि मेट्रो कारशेड को इस सरकार ने सिर्फ अहंकार के कारण आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग में शिफ्ट किया।

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