केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और धनुष-बाण पर रोक लगा दी थी और उद्धव ठाकरे गुट का नाम उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखने के साथ ही और उसे मशाल चुनाव चिन्ह दिया था, जबकि एकनाथ शिंदे गुट को बालासाहेब की शिवसेना का नाम दिया। साथ ही उसे ढाल तलवार चुनाव चिन्ह दिया। इस फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। 15 नवंबर को इस पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दी। इसे उद्धव ठाकरे गुट के लिए झटका माना जा रहा है।
न्यायालय ने दखल देने से किया इनकार
कोर्ट ने यह आदेश देते हुए कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले में दखल नहीं देंगे। इसलिए चुनाव आयोग का फैसला कायम रहेगा। एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना छोड़ने के बाद दो गुट बन गए। उसके बाद एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ चले गए और सरकार बनाई। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। फिलहाल कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है।