Maratha reservation: उद्धव ठाकरे पर नारायण राणे ने लगाया ये आरोप

भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन साबित करने के बाद मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत अलग से आरक्षण देना उचित होगा।

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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए कहा कि उद्धव मराठा समाज को आरक्षण देना नहीं चाहते थे, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा समाज को आरक्षण देने का काम कर रहे हैं। राणे ने कहा कि सभी मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की जरुरत नहीं है।

मराठा समुदाय के 38 प्रतिशत लोग बेहद गरीब
नारायण राणे मुंबई में 14 सितंबर को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। राणे ने कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन साबित करने के बाद मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत अलग से आरक्षण देना उचित होगा। राणे ने कहा कि सभी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र दिए बिना, संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का अध्ययन किया जाना चाहिए और आरक्षण के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए। 96 कुल के मराठा यह मांग नहीं कर रहे हैं कि कुनबी प्रमाणपत्र तुरंत दिया जाए। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के 38 प्रतिशत लोग बेहद गरीब हैं। आर्थिक स्थिति के कारण शिक्षा से वंचित लोगों को आरक्षण देना जरूरी है।

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उद्धव ठाकरे को मराठा आरक्षण में नहीं थी कोई रुचि
नारायण राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे, जो ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहते हुए ढाई दिन के लिए भी मंत्रालय नहीं गए, उन्हें मराठा समुदाय को आरक्षण देने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और तत्कालीन गठबंधन सरकार मराठा आरक्षण के संबंध में बहुत निष्क्रिय थी।

ये नेता रहे उपस्थित
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मुख्यालय के सह प्रभारी सुमंत घैसास, उत्तर भारतीय मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष संजय पांडे, प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख नवनाथ बन, प्रवक्ता ओमप्रकाश चौहान आदि उपस्थित थे।

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