मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह को बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना नाम मिलने से उद्धव ठाकरे समूह नाराज हो गया है। ठाकरे समूह के प्रवक्ता अनिल परब ने कहा कि चुनाव आयोग ने पक्षपातपूर्ण निर्णय लिया है, इसलिए आयोग के इस फैसले को 11 अक्टूबर को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
अनिल परब ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के समक्ष पहले क्रम में इसी नाम की मांग की थी लेकिन चुनाव आयोग ने यह नाम शिंदे समूह को दे दिया। उनकी बात को अनसुना कर दिया है। इसलिए हम आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। अनिल परब ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे के पिता हैं, फिर चुनाव आयोग यह नाम शिंदे समूह को कैसे दे सकता है।
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चुनाव चिन्ह पेश करने का दिया आदेश
दरअसल 10 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने ठाकरे समूह को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम दिया है और शिंदे समूह को बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना नाम दिया है। इसी तरह चुनाव आयोग ने ठाकरे समूह को जलती मशाल चुनाव चिन्ह दिया है। जबकि शिंदे समूह की ओर पेश किए गए तीनों चुनाव चिन्ह को रद्द कर दिया है। चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को फिर से 11 अक्टूबर को दस बजे तक तीन अलग चुनाव चिन्ह पेश करने का आदेश दिया है। शिंदे समूह ने चुनाव आयोग से त्रिशूल, उगते सूरज और गदा का चुनाव चिह्न देने की मांग की थी, जिसे चुनाव आयोग ने ठुकरा दिया है।