छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में ठाकरे की तोप गरजते लगभग 34 वर्ष बीत गए, लेकिन वर्ष 2022 में दशहरा रैली एक ठसक भरी रैली थी। शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना का हो गया तो दूसरा गुट एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली शिवसेना का हो गया।
शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली में शिंदे गुट के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने केंद्र सरकार के साथ केंद्रीय गृह मंत्री पर भी हमला बोला।
उद्धव ठाकरे ने दादर के शिवाजी पार्क में जमा गुट के शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी रैली मैंने पहली बार देखी। इतने शिवसैनिक मैंने रैली में पहले नहीं देखी। उन्होंने शिंदे गुट पर हमला करते हुए कहा कि गद्दारों ने शिवसेना से गद्दारी की। मेरे सामने सभी एकनिष्ठ बैठे हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस बार रावण बदला हुआ है। इस बार 50 खोके का खोकासुर है।
संबोधन की खास बातेंः
-उद्धव ठाकरे ने कहा कि कटप्पा को मालूम नहीं है कि मैं उद्धव ठाकरे नहीं, उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं। ये शिवसेना मेरी नहीं, एकनिष्ठों की है। जिस दिन आप कहेंगे कि गेट आउट, उस दिन मैं पद छोड़ दूंगा लेकिन आप लोगों के लिए, गद्दारों के लिए नहीं।
-मैं स्पष्ट शब्दों में कहता हूं की भाजपा ने पीठ पर वार किया। मैं अपने माता-पिता की शपथ खाकर कहता हूं- मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा से ढाई साल की बात हुई थी। मेरे पिता को चुरा लिया गया। शिवसेना प्रमुख बनने की मेरी कोई इच्छा नहीं है। मैं आपके कहने पर इस पद पर हूं।
-दिल पर पत्थर रखकर देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बनें। फडणवीस कानून मंत्री हैं। कानून अच्छी तरह जानते हैं।
लेकिन कानून का पालन हम करते हैं, आप सुअर पालो। शिवसैनिकों को बिना कारण परेशान किया जा रहा है। उन पर केस डाले जा रहे हैं।
-हिंदुत्व मुझे आप सिखाओगे, हिंदुत्व मेरी धोती नहीं है। नवाज शरीफ के घर केक काटने के लिए गये। बढ़ती महंगाई पर कौन बोलेगा, कश्मीर मुद्दे को आपने साइड में रख दिया। शरीफ के घर पाकिस्तान में केक काटने चले गए। सलाह देना आसान है, लेकिन अमल करना कठिन है।
-अमित शाह देश के गृह मंत्री हैं या भाजपा के गृह मंत्री हैं। वे बोलते हैं शिवसेना को जमीन दिखा देंगे। मैं उनसे कहता हूं, हमें जमीन देखने की जरुरत नहीं है। ये हमारी जमीन है। पीओके की जमीन वापस लाओ। वो जमीन लाओ फिर हमारे सिर पर नाचो।
– सब उद्योग गुजरात में जा रहे हैं। ये सब चलेगा और यहां पंजा दिखाएंगे। दिल्ली में मुजरा, गल्ली में गोंधल। मैं अपने माता-पिता से सिखे हिंदुत्व की बात करता हूं। सभी हिंदू एक साथ आओ। इसकी जरुरत है। मैं कट्टर हिंदुत्वादी हूं।तुम्हारा हिंदुत्व क्या है? हम कट्टर देशाभिमानी हिंदू हैं।
-मोहन भागवत मुसलमानों के साथ एक मंच पर बैठे। तो क्या उन्होंने हिंदुत्व को छोड़ दिया? जिन मुसलमानों के साथ मोहन भागवत बैठे थे, उसने ही कहा कि मोहन भागवत को राष्ट्रपिता घोषित करो।
– मेरे मातापिता मेरे लिए भगवान हैं। देश की महिलाशक्ति का सम्मान नहीं है। देश में समानता होनी चाहिए।
– एक बार बीकेसी में जाने का विचार आया। लेकिन बीकेसी में सब डुप्लीकेट जा रहे हैं। सभी डुप्लीकेट खुद को बालासाहेब समझते हैं।
– प्रत्येक चुनाव में हमें जीत कर दिखाना होगा। है आपकी तैयारी? तो फिर आपके साथ मिलकर जैसे महिसासुर का वध किया गया, उसी तरह खोकासुर का वध किया जाएगा।
Join Our WhatsApp Community