उत्तराखंडः समान नागरिक संहिता को जल्द ही मिलेगा कानूनी रूप !

धर्मों के लिए 'एक देश, एक कानून लागू' करने के लिए ही समान नागरिक संहिता को कानूनी रूप देने की बात भाजपा सरकार के बाद से ही जोरों से चल रही है।

189

तीन दिनों पहले भोपाल में नयी वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता की जरूरत बताने के बाद पूरे देश में यह चर्चा अभी चल ही रही थी कि भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड में इसे संवैधानिक जामा भी पहनाने की तैयारी की खबरें आ रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड की भाजपा सरकार जुलाई के दूसरे हफ्ते में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रही है और इसी दौरान राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की जा सकती है।

समान नागरिक संहिता के बाबत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली कमेटी ने एक साल से अधिक समय से लोगों के बीच जाकर काम किया है। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट लगभग पूरा होने की तरफ है। हमें जैसे ही ड्राफ्ट मिलेगा, हम उसका अवलोकन करेंगे। उसके बाद उसे आगे की कार्रवाई में बढ़ाएंगे।

 सूत्रों से यह भी पता चला है कि विशेष सत्र के दौरान विधानसभा में जस्टिस देसाई समिति के मसौदा को मंजूरी देने के बाद उसे कानूनी रूप देने के लिए प्रस्ताव को पास कराया जाएगा। गौरतलब हो कि सभी धर्मों के लिए ‘एक देश, एक कानून लागू’ करने के लिए ही समान नागरिक संहिता को कानूनी रूप देने की बात भाजपा सरकार के बाद से ही जोरों से चल रही है। समान नागरिकता संहिता का सीधा मतलब है कि देश में सभी के लिए एक बराबर कानून। यानी सभी धर्मों के लिए विवाह और तलाक के लिए देश में एक कानून। बच्चा गोद लेने, संपत्ति बंटवारे पर भी एक कानून लागू होगा। ऐसे में अगर भारत में समान नागरिक संहिता को लागू होती है। तो सभी धर्मों के लिए ‘एक देश, एक कानून लागू’ होगा।

यह भी पढ़ें – 1 जुलाई से होंगे यह बढ़े बदलाव

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.