मंत्रिमंडल विस्तारः ऐसे की गई सहयोगी पार्टियों को साधने की कोशिश!

यूपी से एनडीए में शामिल अपना दल की नेता अनप्रिया पटेल को मंत्री बनाने के साथ ही बिहार के जनता दल यूनाइटेड के आरसीपी सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस को भी मंत्री बनाया गया है।

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केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में एनडीए के सहयोगी दलों को साधने का पूरा प्रयास किया गया है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश-बिहार की तीनों पार्टी के नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है।

यूपी से एनडीए में शामिल अपना दल की नेता अनप्रिया पटेल को मंत्री बनाने के साथ ही बिहार के जनता दल यूनाइटेड के आरसीपी सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस को भी मंत्री बनाया गया है। इससे पहले तक मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के इकलौते नेता रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास आठवले ही मंत्री थे। इन तीनों नेताओं ने 7 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली।

36 नए बने नए मंत्री, 7 का हुआ प्रमोशन
मोदी मंत्रिमंडल में 7 जुलाई को कुल 36 नए मंत्री शामिल किए गए, जबकि 7 को प्रमोट किया गया। इस तरह कुल मिलाकर 43 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। बिहार से मंत्री बनाए गए आरसीपी सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही राज्यसभा सांसद भी हैं। पशुपति पारस हाजीपुर लोकसभा से सांसद हैं, जबकि अनुप्रिया पटेल अपना दल की अध्यक्ष और मिर्जापुर से सांसद हैं।

चिराग पड़े अलग थलग
बिहार में जेडीयू और भाजपा गठबंधन की सरकार है। जेडीयू की ओर से कैबिनेट में अधिक मंत्री पदों की मांग की जा रही थी। हालांकि केवल आरसीपी सिंह को ही मंत्री बनाया गया है। लोजपा और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन है। इस पार्टी में हाल ही में टूट पड़ गई है और चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं। पारस को मंत्री बनाकर चिराग को भी एक संदेश दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा ने रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी पशुपति पारस को मान लिया है। हालांकि पारस को मंत्री बनाए जाने पर चिराग पासवान ने नाराजगी जाहिर की है। लेकिन राजनीति में इस तरह की नाराजगी की परवार करने का दस्तूर नहीं है।

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