केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर टिप्पणी करनेवालों को उत्तर दिया है। उन्होंने कहा है कि, वीर सावरकर प्रखर देशभक्त थे, वे स्तंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। वीर सावरकर ने पूरे जीवन भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के अलावा कोई विचार नहीं किया। अंग्रेजों ने यदि किसी पुस्तक को प्रतिबंधित किया तो वह थी स्वातंत्र्यवीर सावरकर की ‘दि इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेन्डेन्स 1857’।
गृहमंत्री अमित शाह एक अंग्रेजी चैनल के साक्षात्कार में थे। जिसमें राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी पर प्रश्न पूछा गया था। जिसमें गृहमंत्री ने कहा कि, वीर सावरकर ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र, धर्म और भाषा के लिए समर्पित कर दिया था।
राहुल का बयान दु:खद
राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे बहुत बुरा लगता है। इन टिप्पणियों से किसी लाभ नहीं होगा। अपने विचारों और देश के इतिहास को बगल में रखकर अपनी दादी का बयान भी समझ लेते तो राहुल गांधी को समझ में आ जाता। अंग्रेजों ने पहली बार जिस पुस्तक को प्रतिबंधित किया, वह वीर सावरकर लिखित ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेन्डेन्स 1857’
Join Our WhatsApp Community