जम्मू-कश्मीर के विकास में खलल डालने वालों को शाह का कड़ा संदेश, “यह मंदिरों की भूमि…!”

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केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह इस समय कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। यात्रा के दौरान उन्होंने 24 अक्टूबर को कश्मीर में आईआईटी परिसर का उद्घाटन किया। भगवती नगर में एक बैठक में बोलते हुए अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए प्रगति के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान उन्होंने लोगों से पूछा कि जिन तीन परिवारों ने अब तक जम्मू-कश्मीर पर शासन किया है, उन्होंने कश्मीर के लिए क्या किया है? अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद अमित शाह का जम्मू-कश्मीर का यह पहला दौरा है।

सरकार ने किया सबके साथ न्याय
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में विकास का एक नया युग शुरू हो गया है। बीते दिनों में यहां अन्याय और भेदभाव की तस्वीर सामने आई थी, लेकिन अब प्रशासन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने सभी के साथ न्याय किया है। इसमें वाल्मीकि, पहाड़ी, गुर्जर, बाकेरवाल, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी और महिलाएं सभी शामिल हैं।”

विकास को रोकने की कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने कुछ लोगों पर जम्मू-कश्मीर के विकास को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया। शाह ने कहा, “कुछ लोगों ने राज्य के विकास को रोकने की कोशिश की। लेकिन सरकार ने ध्यान रखा कि ऐसा न हो। कई तरह के कानून बने। इसमें वन अधिकार अधिनियम भी शामिल है।”  शाह ने कहा, “यह मंदिरों की भूमि है, माता वैष्णो देवी की, प्रेमनाथ डोगरा की, श्यामा प्रसाद मुखर्जी की। हम किसी को भी राज्य की विकास यात्रा में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

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तीन परिवारों पर साधा निशाना
इस अवसर पर बोलते हुए अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर को नुकसान पहुंचाने वाले तीन परिवार हमारी नीति पर सवाल उठा रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं, आपने यहां इतने लंबे समय तक शासन किया, इतने सालों में आपने क्या किया है? जम्मू-कश्मीर के लोग आपसे पूछ रहे हैं कि इतने सालों में आपने उनके लिए क्या किया?”

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