केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कैन्हयालाल टेलर हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा है। शेखावत ने कहा कि गहलोत अपने आप को जादूगर कहलाना पसंद करते हैं, लेकिन उनको एक ही जादू आता है कि अपनी विफलता का ठीकरा दूसरे पर कैसे फोड़ें? ये सरकार बिल्कुल नहीं चाहती कि आरोपितों को सजा हो, क्योंकि ऐसे लोगों को सजा होने पर इनका वोटबैंक गड़बड़ाता है। वोटबैंक बचाए रखने के लिए बहुसंख्यकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का पाप इस सरकार ने निरंतर किया है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत 2 जुलाई को मीडिया से रूबरू हुए। कन्हैयालाल टेलर के हत्यारों को पकड़ने के मामले में गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि गृहमंत्री जी के बयान को गहलोत साहब समझ नहीं पाए। विषय यह था कि गहलोत साहब ने एक पत्र गृहमंत्री जी को लिखा। उस पत्र में लिखा कि कैन्हयालाल टेलर का सिर धड़ से अलग करने वाले लोगों को तुरंत सजा दिलवानी चाहिए। शेखावत ने कहा कि मैं आपको इसके बैकग्राउंड में ले जाना चाहता हूं। कन्हैयालाल की हत्या क्यों हुई? उसके लिए जिम्मेदार कौन हैं? पहला प्रश्न यह है। कन्हैयालाल ने अपने को मिलने वाली हर धमकी की जानकारी पुलिस को दी। एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन उल्टा उसे ही पुलिस ने प्रताड़ित किया। उसे ही माफी मांगने के लिए मजबूर किया। अंतिम दिन तक उसे पुलिस ने सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई।
जनता से वादा
शेखावत ने कहा कि देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा है। मैं मीडिया के माध्यम से राजस्थान सरकार से आग्रह करूंगा कि इस संगठन से पहले जो लोग जुड़े हुए थे, जिन्होंने उसके लिए फंड जुटाया, इसके सदस्यों को पनाह दी थी। राजस्थान सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए, लेकिन मैं जानता हूं कि वह इसकी जांच नहीं करने वाले, क्योंकि इसकी जांच करने से उनका वोटबैंक कहीं न कहीं डगमगाता है, लेकिन विश्वास रखिए भाजपा की सरकार बनेगी। केवल कन्हैयालाल नहीं, इस तरह की जितनी तुष्टीकरण की घटनाएं हुई हैं, उन सब के दोषियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़ेगी।
अपनी बात खुद कहें, यह हमारी परंपरा नहीं
एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ नेता प्रतिपक्ष हैं। वह पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा में यह परंपरा नहीं है कि व्यक्ति अपनी बात खुद कहे। मैंने इसी परिपेक्ष्य में कहा कि भाजपा की सरकार बनेगी। चेहरा कौन होगा? यह संसदीय बोर्ड तय करता है। संसदीय बोर्ड जिसको तय करेगा, वह जाकर काम करेगा। हम सब मिलकर उसका सहयोग करेंगे। वह कोई भी हो सकता है। राजेंद्र राठौड़ हो सकते हैं, वह वसुंधरा राजे हो सकती हैं, सतीश पूनिया हो सकते हैं, इसके अतिरिक्त भी कोई और हो सकता है।
ईआरसीपी को गहलोत सरकार ने फुटबॉल बनाया
ईआरसीपी के सवाल पर शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने जिस तरह का षड्यंत्र किया। अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए ईआरसीपी को जिस तरह से फुटबॉल बनाया। 13 जिलों के प्यासे कंठों के साथ में जिस तरह से राजनीति की। भारत सरकार के तय नियमों के विरुद्ध प्रस्ताव भेजकर उसको अटकाया। मैं फिर जिम्मेदारी से कहूंगा, जिस दिन भाजपा सरकार बनेगी, हम इसको नियम कानून के अनुरूप दुरुस्त करके 13 जिलों को पेयजल मिले, सिंचाई का पानी मिले, रिजर्वायर भर सके, इसके लिए इस योजना को मोदी जी की सरकार का नदी जोड़ने का प्रकल्प काम कर रहा है, उसमें मैंने इसे सम्मिलित किया है। उसमें इसको तुरंत पूरा करेंगे। ईआरसीपी पर साले मोहब्बत के सवाल उठाने पर शेखावत बोले कि साले मोहम्मद ईआरसीपी की फुल फॉर्म बता दें। एक दिन मीडिया के सामने उनसे पूछना, फिर बात करना।
ऐसी बारातों को देश ने बहुत बार देखा
विपक्षी एकता के सवाल पर शेखावत ने कहा कि ये सर फुटव्वल करके अलग हो जाएंगे। ऐसी बारातों को देश ने बहुत बार देखा है। देश जानता है, जिस कुनबे के अगर कुल घोटालों को जोड़ दिया जाए तो वह 20 लाख करोड़ होता है, कितना हास्यास्पद था कि भूमि घोटाले का आरोपित, नौकरी घोटाले का आरोपी, शराब घोटाले का आरोपी, कोयला घोटाले का आरोपी, सब मिलकर चारा घोटाले के आरोपी के घर गए हुए थे और वह सारे घोटालेबाज मिलकर एकतरफ जहां भारत की रक्षा का सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए मोदी जी अमेरिका में डिफेंस डील कर रहे थे, वो अपनी रक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस डील आपस में साथ बैठकर उसी दिन पटना में कर रहे थे। यह जो घोटालेबाजों की सेना है, इनको देश ने अच्छी तरह से देखा है, पहचाना है।