भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर उनके बयान “जितनी आबादी उतना हक” होना चाहिए पर हमला तेज कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister Kiren Rijiju) ने अपने एक बयान में कहा है कि “जितनी आबादी उतना हक” की बात होगी तो इसकी वजह से कम आबादी वाले पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ी राज्य है हर चीज से वंचित रह जाएंगे। इस मांग के कारण भारत की अल्पसंख्यक आबादी (Minority Population) भी वंचित हो जाएगी।
जैसा कि आप जानते हैं राहुल गांधी ने बिहार में हुए जातीय जनगणना को लेकर कहा है कि बिहार में ओबीसी, एससी और एसटी की आबादी 84 फीसदी है। राहुल गांधी ने लोकसभा में भी कहा था कि केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ तीन ही ओबीसी श्रेणी के है। जो देश का 5 फीसदी बजट देख रहे हैं। राहुल गांधी इस मांग को बार-बार दोहरा रहे हैं।
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राहुल गांधी आग के साथ खेल रहे हैं, सत्ता के लिए बेताब
किरेन रिजिजू ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि राहुल गांधी के जितनी आबादी, उतना हक जैसे बयान के बाद तो पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख जैसे राज्य और छोटे समुदाय जो आबादी में कम है। वह हर चीज से वंचित हो जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी आग के साथ खेल रहे हैं। उनकी मांग भारत को तोड़ देगी। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया की सत्ता के लिए कोई कितना बेताब हो सकता है?
पीएम मोदी ने भी कांग्रेस पर किया बड़ा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में हुए जातीय गणना को लेकर बीते मंगलवार को तेलंगाना के निजामाबाद में जितनी आबादी उतना हक जैसे नारों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किया था। पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस ने सत्ता की भूख और सत्ता हथियाना के लिए एक नई भाषा बोलना शुरू कर दिया है। आजकल क्या कर रहे हैं जितनी आबादी उतना हक जैसे नारे उछाल रहे है। मैं जरा पूछना चाहता हूं की जिन्होंने यह वाक्य लिखकर दिया है उसने सोचा है क्या जब तुम कह रहे हो तो आप कांग्रेस की मूलभूत नीतियों पर ही सवाल खड़े कर रहे हो।
जातीय गणना रिपोर्ट पर सवाल, दोबारा कराने की मांग
भारतीय जनता पार्टी लगातार जातीय गणना रिपोर्ट पर सवाल उठा रही है। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भी जातीय गणना की जांच की बात कही है। उन्होंने कहा कि अत्यंत पिछड़ा वर्ग की कई जातियों की संख्या कम दिखाई गई है। जबकि एक विशेष जाति और धर्म की आबादी को बढ़ा चढ़ा कर बताया गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी जाति गणना रिपोर्ट पर यह कहकर सवाल उठाया है कि उनकी अपनी जाति की संख्या को काम दिखाया गया है। चिराग पासवान ने भी दोबारा जाति गणना करने की मांग की हैं।
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