केंद्रीय मंत्री राणे ने इस मामले में खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा!

सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने नारायण राणे के बंगले पर हुए अवैध निर्माण की शिकायत मुंबई मनपा में की है। इसी आधार पर मुंबई मनपा की टीम ने बंगले का सर्वेक्षण किया था।

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केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के मंत्री नारायण राणे ने मुंबई में उनके आवासीय बंगले में हुए अवैध निर्माण के संदर्भ में मुंबई महानगरपालिका के नोटिस को मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई न्यायालय में जज एए सैयद की बेंच में 22 मार्च को होगी।

21 मार्च को केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के वकील अमोघ सिंह ने उच्च न्यायालय में आवेदक के अधीश बंगले पर हुए अवैध निर्माण के संबंध में मुंबई मनपा की नोटिस को चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की।

याचिका में क्या हैः
सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि मुंबई मनपा का नोटिस आर्टलाइन प्राॅपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर भेजी गई है। नारायण राणे, उनकी पत्नी इस कंपनी में शेयर होल्डर हैं। कंपनी का शेयर होल्डर होने की वजह से आवेदक सहित उनका परिवार बंगले में रहता है लेकिन शिवसेना संचालित मुंबई मनपा ने राजनीतिक द्वेष की वजह से बंगले में किए गए कुछ बदलाव को हटाने के लिए 15 दिन का समय देते हुए नोटिस जारी किया है। वकील अमोघ सिंह ने मामले की तत्काल सुनवाई का आग्रह किया है, इसी वजह से जज ने इसकी सुनवाई 22 मार्च को किए जाने का निर्णय लिया है।

यह है पूरा मामला
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने नारायण राणे के बंगले पर हुए अवैध निर्माण की शिकायत मुंबई मनपा में की है। इसी आधार पर मुंबई मनपा की टीम ने बंगले का सर्वेक्षण किया था। इसके बाद 25 फरवरी को राणे को बंगले में हुए अवैध निर्माण को हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद राणे को इसी संदर्भ में दूसरा नोटिस जारी किया गया है, इसी दूसरे नोटिस को राणे ने हाईकोर्ट ने चुनौती दी है।

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