बिहार,समस्तीपुर के भगीरथपुर में जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं पहले दिन से उदाहरण देकर भी बताता हूं कि कई लोगों को लगता है कि 1977 में सारे विपक्षी दलों ने इंदिरा गांधी को हरा दिया। इस बात में सच्चाई नहीं है। आपातकाल देश में लागू नहीं होता, जयप्रकाश नारायण का आंदोलन नहीं होता तो सिर्फ विपक्षी पार्टी के एक होने से इंदिरा गांधी नहीं हार जाती।
साथ में चाय पी लेने, खाना खा लेने से कुछ नहीं होगाः पीके
विपक्षी पार्टियों के पास जब तक कोई सही मुद्दा नहीं होगा, तब तक पार्टी के नेता कितनी भी चाय पी लें, खाना खा लें या प्रेस कांफ्रेंस साथ में कर लें, उससे जमीन पर क्या फर्क पड़ने वाला है? सामान्य लोग जो गांवों में रहते हैं, जिन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है और जो बीजेपी को वोट करते हैं, उन्हें इस बात से कितना फर्क पड़ रहा है कि 26 दलों के लोग पटना में मिले, इसलिए वे भाजपा को वोट नहीं देंगे। जनता को इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है। जनता को इस बात से मतलब है कि उनके गांव में सड़क बनी की नहीं, भ्रष्टाचार खत्म हुआ कि नहीं, रोजगार मिला की नहीं।
राज ने नहीं खोला गठबंधन पर राज, शरद पवार से अजित की मुलाकात पर कंसा तंज
पदयात्रा कर रहे हैं प्रशांत किशोर
बता दें कि प्रशांत किशोर 269 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। 14 अगस्त को वे भागीरथपुर में थे। प्रशांत किशोर पैदल चल कर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिला रहे हैं। बीते दिनों में प्रशांत किशोर 2500 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा कर 3500 से अधिक गांवों में जा चुके हैं।