प्रदेश भाजपा में बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले तो पार्टी के संगठनात्मक बदलाव को लेकर असंतोष था। नतीजतन, राज्य के कई भाजपा विधायकों ने पार्टी के कई व्हाट्सएप ग्रुप छोड़े। अब बांकुड़ा और पुरुलिया से कुल नौ विधायकों ने सीधे केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा है। किसी भी नेता ने पत्र के विषय के बारे में विस्तार से नहीं बताया। हालांकि कुछ विधायकों ने पत्र भेजने की बात स्वीकार की है।
सूत्रों के मुताबिक, बांकुड़ा विधायक नीलाद्रिशेखर दाना, ओंदेर विधायक अमरनाथ शाखा, सोनामुखी विधायक दिवाकर घोरामी और सिंधु विधायक निर्मल कुमार धारा ने भाजपा के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य को अलग-अलग पत्र भेजे हैं।
जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप
इस मुद्दे पर नीलाद्रिशेखर ने कहा कि पार्टी के जिलाध्यक्ष को ठेकेदार चलाते हैं। अगर अध्यक्ष को लगता है कि वह दूसरों की अगुवाई में चलेंगे तो पार्टी नहीं चलेगी। हम चाहते हैं कि सत्ताधारी दल की धमकियों का विरोध करने के लिए संगठन में एक मजबूत जिलाध्यक्ष हों। ऐसे में हमारे जिले में पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए हैं। हमने केंद्रीय नेतृत्व को लिखा है ताकि वे टीम में सम्मान के साथ काम कर सकें।
बदलाव के बाद बगावत
भाजपा सूत्रों के मुताबिक 25 दिसंबर को बांकुड़ा और विष्णुपुर में पार्टी के जिलाध्यक्षों का फेरबदल किया गया। बांकुड़ा के संगठनात्मक जिलाध्यक्ष विवेकानंद पात्रा को हटाकर सुनील रुद्र मंडल को जिम्मेदारी मिली है। बिष्णुपुर के संगठनात्मक जिलाध्यक्ष सुजीत अगस्ती को हटाकर बिलबेश्वर सिंह को पद पर नियुक्त किया गया है। इस फेरबदल के बाद भाजपा के कई विधायकों के गले से बगावत का स्वर सुना जा सकता है।
पुरुलिया जिले में भी भाजपा के भीतर विद्रोह बढ़ता जा रहा है। पता चला है कि भाजपा के पांच विधायकों ने पार्टी के अखिल भारतीय अध्यक्ष को सीधा पत्र लिखकर पुरुलिया जिले में पार्टी अध्यक्ष बदलने की मांग की है।
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