मुख्यमंत्री योगी ने विभागीय कार्य योजनाओं की प्रगति को लेकर की समीक्षा बैठक, दिए ये निर्देश

योगी सरकार के गठन के उपरांत सभी विभागों के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रथम 100 दिनों, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजना तय की गई थी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विभागीय कार्य योजनाओं की प्रगति को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक करते हुए दिशा निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से विगत मार्च माह में राज्य सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत हुई थी। सरकार के गठन के उपरांत सभी विभागों के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रथम 100 दिनों, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजना तय की गई थी। यह बेहतरीन टीम वर्क का ही परिणाम है कि प्रत्येक कार्य अपने तय समय-सीमा में पूर्ण हुए।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भावी कार्ययोजना सम्बंधित विभागीय मंत्री और अधिकारियों द्वारा तय की गई है। इसका समयबद्ध क्रियान्वयन आपकी ही जिम्मेदारी है। विभागीय मंत्रियों द्वारा नियमित अंतराल पर कार्ययोजना की समीक्षा किया जाना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में विभिन्न प्रदेशों में कोविड के केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश में स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है, जनजीवन सामान्य है। कोविड की बदलती स्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भावी योजना के तहत देशवासियों को कोविड टीके की बूस्टर डोज निःशुल्क लगाए जाने के निर्णय हुआ है। ऐसे में हमारा लक्ष्य है कि आगामी 75 दिनों में कम से कम 13 करोड़ प्रदेशवासियों को कोविड टीके का सुरक्षा कवच मिले।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सड़क परिवहन निगम की बस सेवा आज भी बड़ी आबादी के लिए आवागमन का प्रमुख साधन है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कम से कम एक बस स्टेशन को अत्याधुनिक बनाने का लक्ष्य रखें। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय 16 जून से खुल चुके हैं। दो करोड़ बच्चों के नामांकन के लक्ष्य के सापेक्ष बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, ‘जल जीवन मिशन’ को लेकर उन्होंने कहा कि आज इस मिशन से बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र की तस्वीर बदल रही है। हर घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति का सपना पूरा हो रहा है। ‘हर घर नल-हर घर जल’ के संकल्प के साथ अकेले विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र में 18.67 लाख घरों को पाइप्ड पेयजल से जोड़ा गया है। इस योजना के अन्तर्गत सभी कार्यों को समयबद्धता के साथ चरणबद्ध रूप से पूरा किया जाए, यह सुनिश्चित होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल-खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए नीतिगत प्रयासों के आशातीत परिणाम देखने को मिल रहे हैं। मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाए। नई खेल नीति को यथाशीघ्र तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। वहीं कारागार सुधार की दिशा में राज्य सरकार के अभिनव प्रयासों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तर्ज पर नवीन जेल मैन्युअल को तत्काल प्रभावी किया जाए।

इसके अलावा, प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर एक-एक खाद्य एवं औषधि टेस्टिंग प्रयोगशाला स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह प्रयोगशालाएं महत्वपूर्ण सिद्ध होंगी। साथ ही जनपद अयोध्या अंतर्गत देवगांव क्षेत्र में 50 शैय्या का सार्वसुविधायुक्त अस्पताल का निर्माण कार्य तेज किया जाए। नवीन सीएचसी की स्थापना स्थानीय जनसॉंख्या और क्षेत्र में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं के आधार पर किया जाना चाहिए। प्रयास हो कि सीएचसी में न्यूनतम 50 शैय्या की सुविधा हो।

एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज के संकल्प की पूर्णता की जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कि बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात और औरैया जनपद में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से पूरा करते हुए लेटर ऑफ परमीशन प्राप्त किया जाए।

उन्होंने निर्देश दिया कि युवाओं की सुविधा के दृष्टिगत असेवित जनपदों में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य तेज किया जाना चाहिए। इस क्षेत्र में निवेश के लिए निजी क्षेत्र की कर से उत्साहवर्धक प्रस्ताव मिले हैं। ऐसे में असेवित जिलों में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पीपीपी मोड बेहतर विकल्प हो सकता है। इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए। सीएम ने कहा कि एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के बेड़े में और बढ़ोतरी आवश्यक है। इस कार्य में सीएसआर उपयोगी हो सकता है। सभी मोबाइल मेडिकल वैन क्रियाशील रहें। इनका रिस्पांस टाइम न्यूनतम रखे जाने के लिए तकनीकी सहयोग लिया जाना चाहिए। एम्बुलेन्स संचालन से जुड़े कार्मिकों के विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। पीड़ित/घायल लोगों के साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता बरती जानी चाहिए। मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट (एमवीयू) के माध्यम से पशुपालकों के द्वार तक पशु चिकित्सा की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।

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मेडिकल कॉर्पोरेशन की व्यवस्था को और बेहतर करने की आवश्यकता है। दवाओं की खरीद करते उनकी गुणवत्ता, पैकिंग, आपूर्ति की सुविधा आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। दवाओं को कम्पनी दर पर खरीद हो। प्रत्येक दशा में एमएसएमई नीति का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। साइबर अपराध की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुलिस परिक्षेत्र स्तर पर साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना कराई जाए। इसी प्रकार, सभी पुलिस रेंज में साइबर थाने व्यवस्थित रूप से क्रियाशील रहें।इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर की महत्ता सर्वविदित है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश को इस अवसर का लाभ लेना चाहिए। प्रदेश में सेमीकंडक्टर निर्माण को के प्रोत्साहन हेतु औद्योगिक जरूरतों का ध्यान रखते हुए नवीन नीति तैयार कर प्रस्तुत करें।

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