उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद को न्यायालय ने दोषी करार दिया है। उनके विरुद्ध एमपीएमएलए न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। जो चित्रकूट में हुए सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित था। इस प्रकरण में अब 12 नवंबर 2021 को सजा सुनाई जाएगी।
चित्रकूट में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के प्रकरण में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रुपेश्वर को दोषी करार दिया गया है। इन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
समाजवादी पार्टी के शासनकाल में प्रदेश के खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पूर्व में दर्ज एक बलात्कार के प्रकरण में जेल में है। यह दूसरा प्रकरण चित्रकूट का है, जिसमें 18 फरवरी 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद 15 मार्च 2017 को गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपों से पलट गई है पीड़िता
इस प्रकरण में पीड़िता अपने पूर्व के बयान से मुकर चुकी है। इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से अंशु गौड़ ने अपने बयान में न्यायालय को बताया कि, पीड़िता को बयान से पलटने के लिए भारी भुगतान किया गया है। कई भूखंड उसके नाम किये गये हैं। इसके लिए पंजीकरण कार्यालय लखनऊ और पीड़िता के दिल्ली न्यायालय में दिये गए कलम बंद बयान को मंगाए जाने की मांग भी अभियोजन पक्ष कर चुका है।