एक्शन में योगी सरकार, उप्र को देश का नंबर 1 राज्य बनाने के लिए निर्धारित किए गए ये लक्ष्य!

योजना भवन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोषित लोककल्याण संकल्प पत्र के बिंदुओं को याद करने की जरूरत बताई।

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दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जनता के प्रति जवाबदेह होने का निर्देश दिया है। 26 मार्च को शासन स्तर के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अगले 100 दिन, छह माह और वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। यह कार्ययोजना मंत्रिपरिषद के सामने प्रस्तुत करनी होगी, इसकी विभागवार समय-सारणी जल्द ही घोषित होगी।

योजना भवन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोषित लोककल्याण संकल्प पत्र के बिंदुओं को याद करने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में घोषित संकल्प पत्र के सभी बिंदुओं को यथार्थ में बदलने में अधिकारियों ने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया। इसका परिणाम रहा कि दशकों बाद जनता ने उत्तर प्रदेश में सकारात्मक बदलाव का अनुभव किया।

उप्र को देश का नंबर 1 राज्य बनाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे समक्ष उत्तर प्रदेश को देश का नम्बर-1 राज्य और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश की नम्बर-1 अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। टीम वर्क और अन्तर्विभागीय समन्वय से भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाए। इस कार्य के लिए ”टीम यूपी” को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लगना होगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन बनाने के लिए 10 प्राथमिक सेक्टरों को चिह्नित किया जाए। इसकी नियमित समीक्षा की जाए। मुख्य सचिव द्वारा साप्ताहिक समीक्षा तथा स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा इस सम्बंध में पाक्षिक समीक्षा की जाएगी।

कार्यप्रणाली में दक्षता, पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर
शासन की कार्यप्रणाली में दक्षता, पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर देते हुए योगी ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में तकनीक के साथ-साथ अन्तर्विभागीय समन्वय को और बढ़ाये जाने की आवश्यकता जताई। वहीं आम आदमी के प्रति संवेदनशील होने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ”अंत्योदय” के लिए संकल्पित है। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि गांव, गरीब, किसान, महिला और युवा शासन की हर नीति के केंद्र में हों।

अतिरिक्त प्रयास जरूरी, अब है खुद से प्रतिस्पर्धा
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप ‘नये भारत का नया उत्तर प्रदेश’ आकार ले रहा है। इस कार्य को और गति प्रदान करने के लिए पूरा उत्तर प्रदेश संकल्पित है। पहले कार्यकाल में हमारी चुनौती कुव्यवस्था से थी। विगत 05 वर्षाें में सुशासन की स्थापना हुई है। अब आगामी 05 वर्षाें में हमारी प्रतिस्पर्धा अपने ही पहले कार्यकाल के कार्याें से होगी। अब सुशासन को और सुदृढ़ करने के लिए स्वयं से हमारी प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ होगी। ऐसे में सुशासन की स्थापना को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर हमारी सरकार की शुरू से जीरो टॉलरेंस नीति रही है। इसे प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। शासन की योजनाओं की आमजन तक पहुंच और व्यापक बनाने के लिए तकनीक का व्यापक स्तर पर समावेश किया जाए।

 राजस्व संग्रह पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 समापन की ओर है। सभी विभाग अपने-अपने वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति की स्थिति की गहन समीक्षा कर लें। बजट के सदुपयोग का मूल्यांकन करते हुए वित्तीय स्वीकृतियों के सापेक्ष उनके व्यय की स्थिति की पड़ताल कर लें। प्रत्येक स्थिति में वित्तीय नियमों के अनुरूप कार्यवाही की जाए। यदि भारत सरकार के स्तर से किसी योजना का केन्द्रांश जारी नहीं हो सका है तो अविलम्ब केंद्र से संपर्क कर उसे जारी कराएं। राजस्व संग्रह पर पूरा ध्यान दिया जाए। विकास एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं के वित्त पोषण के लिए ऐसा किया जाना आवश्यक है। टैक्स का भुगतान करने वालों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। भारत सरकार के वर्ष 2022-23 के आम बजट तथा लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार का वर्ष 2022-23 का बजट तैयार किया जाए।

ये भी बोले मुख्यमंत्री योगी

– यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालय में उपस्थित होकर कार्याें को प्रभावी ढंग से सम्पादित करें। कार्यालय की व्यवस्था ऐसी हो, जिससे आम जनता को सुविधा हो।

-कार्यहित में त्वरित निर्णय लें। पत्रावलियां लंबित नहीं रहनी चाहिये। पत्रावलियों का निस्तारण निर्धारित समय-सीमा में किया जाए। पत्रावलियों के निराकरण की स्थिति की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा की जाए।

-‘ई-ऑफिस’ को पूरी तरह लागू करने की कार्य योजना तैयार की जाए। सभी विभागों में सिटिजन चार्टर लागू किया जाए। विभागों के समस्त कार्याें का डिजिटलाइजेशन किया जाए।

-ग्राम सचिवालय की कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ किया जाए। पंचायत सहायकों के तैनाती कार्य को पूर्ण किया जाए।

-प्रदेश सरकार ने महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है। महिला पुलिसकर्मियों को फील्ड कार्याें से जोड़ा गया है। इस सन्दर्भ में महिला बीट अधिकारियों की तैनाती की गयी है, जो ग्राम स्तर पर समस्याओं के निस्तारण के साथ ही विभिन्न योजनाओं की जन जागरूकता का कार्य भी सम्पादित कर रही हैं।

-राजस्व, पंचायतीराज और ग्राम्य विकास के ग्रामस्तरीय कर्मियों द्वारा ग्राम प्रधान के समन्वय से ग्राम चौपाल आयोजित की जाए। इसके माध्यम से ग्रामीण जनता की स्थानीय समस्याओं का समाधान कराया जाए।

-भारत सरकार से प्राप्त होने वाले पत्रों का उत्तर, पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह में अनिवार्य रूप से प्रेषित कर दिया जाए।

-जनपदों के नोडल अधिकारीगण अपने जिले के विकास कार्यों की स्थिति की नियमित समीक्षा करें। नोडल अधिकारीगण अपने जनपद के प्रभारी मंत्री के साथ प्रत्येक माह जिले का भ्रमण कर योजनाओं का क्रियान्वयन मौके पर परखें।

-जनपद प्रवास के दौरान जनता से संवाद कायम कर फीडबैक प्राप्त करें और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को दें।

-विभिन्न विभाग रिक्त पदों पर भर्ती से जुड़े मामलों पर तेजी से कार्यवाही को आगे बढ़ाएं।

-प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति संचालित किया गया। हमारे लिए यह अत्यन्त गौरवपूर्ण है कि भारत सरकार द्वारा भी महिलाओं के कल्याण एवं सशक्तीकरण के लिए मिशन शक्ति प्रारम्भ किया गया।

-विभिन्न लाभार्थीपरक योजनाओं की गतिविधियों को 24 घंटे के भीतर सीएम डैशबोर्ड-दर्पण पोर्टल में अंकित किया जाए।

-मानव सम्पदा पोर्टल पर राज्य सरकार के सभी कार्मिकों का सेवा सम्बन्धी विवरण अंकित किया जाए।

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