अमेरिका ने माना है कि रूस के साथ भारत अपने रिश्ते खत्म नहीं करेगा। इसके साथ ही अमेरिका ने भारत से रूस-यूक्रेन संघर्ष की समाप्ति के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की बात भी कही है।
अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि मध्य एशिया के देशों और भारत के रूस के साथ लंबे और मजबूत संबंध रहे हैं। ऐसे में वे जल्द ही उन संबंधों को समाप्त करने नहीं जा रहे हैं, लेकिन हम उनसे रूस-यूक्रेन संघर्ष में उनकी भूमिका के बारे में बात कर रहे हैं। अमेरिका को उम्मीद है कि भारत इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस के साथ उस प्रभाव का उपयोग करेगा। यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे होने के बाद भारत में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अगले सप्ताह भारत यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान ब्लिंकन चीन और रूस समेत बीस देशों के विदेश मंत्रियों से मिलेंगे। इन विदेश मंत्रियों की यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों को ऋण के जाल में फंसाकर चीन इन स्थितियों का जबरन लाभ उठा सकता है। अमेरिका इस बात को लेकर खासा चिंतित है कि पाकिस्तान और श्रीलंका को दिये जा रहे कर्ज का इस्तेमाल चीन जबरन फायदा उठाने के लिए कर सकता है।अमेरिका इस क्षेत्र के देशों से बात कर रहा है कि वे अपने फैसले खुद लें और किसी बाहरी साझेदार के दबाव में न आएं। लू ने कहा कि इस मामले में भारत और उसके पड़ोसी देशों से भी बात की जा रही है कि कैसे अमेरिका इन देशों को अपने निर्णय लेने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय नहीं लेने चाहिए, जिससे चीन सहित किसी भी बाहरी भागीदार द्वारा उन्हें मजबूर किया जा सके। एक सवाल के जवाब में लू ने कहा कि चीन के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच गंभीर बातचीत हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत का यह सिलसिला जारी रहेगा।
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