चीन की जासूसी से भारत को कितनी क्षति? अमेरिकी कांग्रेस में षड्यंत्र की हुई चीरफाड़

अमेरिका ने पिछले दिनों अपने आकाश में उड़ रहे चीन के गुब्बारे को मार गिराया है। इसके बाद से ही चीन की जासूसी को लेकर चर्चा शुरू है।

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हिंद-प्रशांत पर सीनेट की विदेश मामलों की उपसमिति की अध्यक्ष यंग किम ने चीन पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान दावा किया कि चीन ने अपने जासूसी गुब्बारों से भारत और अन्य देशों निशाना बनाया है। यह गुब्बारे चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के बड़े अभियान का हिस्सा हैं। इनके जरिए ताइवान, जापान, भारत और फिलीपीन जैसे हिंद-प्रशांत देशों की सैन्य क्षमता की जानकारी एकत्र की गई है।

भारत पर व्यक्त किया विश्वास
इस दौरान हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक मंत्री एली रैटनर ने कहा कि अमेरिका, भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहा है। इससे चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा अमेरिका सरकार ने भारत के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पहल की शुरुआत की है। रैटनर ने कहा कि भारत और अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत के उचित संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने कहा कि अमेरिका ने भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय समूह) साझेदारी में निवेश किया है। हम अपने साझा हितों और मूल्यों जैसे लोकतंत्र, स्पष्टता और निष्पक्षता को मजबूत करने और चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए समान विचारधारा वाले देशों को एकसाथ ला रहे हैं।

हिंद प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनान उद्देश्य
सीनेट की विदेश संबंधों से जुड़ी समिति के अध्यक्ष सीनेटर रोजर विकर ने कहा कि चीन दशकों से क्षेत्र में अपने दावों को मजबूत करने में सक्रिय है और आक्रामकता दिखा रहा है। इस संबंध में पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को सांसदों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत का उचित संतुलन बनाए रखने के लिए अमेरिका, भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहा है।

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