आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है। अब एक अमेरिकी रिपोर्ट में आतंकवाद से निपटने के भारतीय प्रयासों की प्रशंसा की गई है। अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटर टेरेरिज्म की रिपोर्ट ‘कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेरेरिज्म 2021: भारत’ में कहा गया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने शानदार काम किया है। रिपोर्ट में आतंकवादी संगठनों को पहचानने, उन्हें तबाह करने और आतंकवाद के खतरे को कम करने की दिशा में जोरदार काम करने के लिए भारत की तारीफ की गयी है।
रणनीतिक बदल और आतंक के खिलाफ भारत अव्वल
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्वी राज्य, मध्य भारत के कुछ इलाके आतंकवाद प्रभावित हैं। भारत में लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल कायदा, जमात उल मुजाहिदीन, जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे आतंकी संगठन सक्रिय होने का दावा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 में ऐसा देखा गया कि आतंकी संगठनों ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है। आतंकी अब आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। साथ ही आतंकियों के हमले के तरीके बदले हैं। अब वे ड्रोन और आईईडी आदि से विस्फोट कर रहे हैं।
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खुफिया तंत्र सुदृढ़
रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि वर्ष 2021 में जम्मू-कश्मीर में 153 आतंकी हमले हुए, जिनमें सुरक्षा बलों के 45 जवान शहीद हुए। 36 आम नागरिकों और 193 आतंकियों समेत कुल 274 लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। भारत ने राज्यों और केंद्रीय स्तर पर खुफिया एजेंसियों को मजबूत किया है। भारत ने बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए एंट्री पर बायोग्राफिक और बायोमीट्रिक स्क्रीनिंग की व्यवस्था की है।
एनआईए की सक्रियता
रिपोर्ट में भारत की जांच एजेंसी एनआईए द्वारा हथियारों की तस्करी के आरोप में लश्कर ए तैयबा, हरकत उल जिहादी इस्लामी के आतंकियों को सजा दिलाए जाने की बात कही गयी है। दावा किया गया है कि एनआईए ने सितंबर 2021 में आईएसआईएस से संबंधित 37 मामलों की जांच की है और 168 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट में आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के कल्याणकारी कार्यों का भी जिक्र किया गया है। इनमें स्कूल चलाने, चिकित्सकीय शिविर लगाने और युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार दिलाने जैसे काम किये जा रहे हैं, जिससे युवाओं को आतंकवाद की ओर जाने से रोका जा सके।