उत्तर प्रदेश में अजान के बाद अब बुर्के से भी मुक्ति मिल सकती है। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ल ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बुर्का अमानवीय और क्रूर प्रथा है। देश में तीन तलाक की तर्ज पर मुस्लिम महिलाओ को बुर्के से भी मुक्ति दिलाने की दिशा में प्रयास जारी है। इससे पहले 23 मार्च को अजान से होनेवाली परेशानी को लेकर उन्होंने डीएम से पत्र व्यवहार किया है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए शुक्ल ने कहा कि कई मुस्लिम देशो में भी बुर्के पर पाबंदी है। उन्होंने इसे अमानवीय और क्रूर प्रथा बताते हुए मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय बताया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विकसित और पढ़े-लिखे लोग न तो बुर्का पहनते हैं और न ही इसे बढ़ावा देते हैं। इसे सिर्फ कम पढ़े-लिखे मुस्लिम लोग और महिलाएं ही बढ़ावा देते हैं।
लाउडस्पीकर पर पाबंदी के लिए लिखा पत्र
बता दें कि 23 मार्च को अजान को लेकर शुक्ल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लोगों की शिकायत पर मस्जिदों में लगाए गए लाउडस्पीकर के कारण हो रही परेशानी का उल्लेख करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।
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मंत्रीजी ने कही ये बात
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हर दिन तड़के चार बजे अजान शुरू हो जाती है। इसके बाद चंदे को लेकर चार से पांच घंटे सूचना दी जाती है। इस कारण पूजा-पाठ, योग- व्यायाम और शासकीय कार्यों में व्यवधान पैदा होता है। लोग 112 पर डायल कर मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों के कारण हो रही परेशानी की सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके द्वारा लिखे पत्र पर कार्रवाई नहीं होती है तो वे अगला कदम बढ़ाएंगे।
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बेतूके बयान के लिए मशहूर
बता दें कि शुक्ल कई बेतूके बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इससे पहले कहा था कि अबुल कलाम आजाद के दिल में देश के लिए प्यार नहीं था। उन्होंने देश की महान और ऐतिहासिक हस्तियों छत्रपति शिवाजी महाराज तथा महाराणा प्रताप की उपेक्षा का भी आरोप लगाया था। शुक्ल ने कहा था कि इतिहास में अकबर और अन्य मुगल राजाओं की गाथा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।