Uttar Pradesh: पिछड़ों ,दलितों अल्पसंख्यकों को पीडीए के बहाने एकजुट करने में जुटी सपा को हमीरपुर, महोबा, तिंदवारी लोकसभा में तगड़ा झटका(Big blow to SP in Hamirpur, Mahoba, Tindwari Lok Sabha) लगा है। यहां सपा की पूर्व विधायक अम्ब्रेश कुमारी(Former SP MLA Ambresh Kumari) ने 6 फरवरी को अपने जिला पंचायत सदस्य पुत्र के साथ पार्टी से त्यागपत्र(Resignation from the party along with his District Panchayat member son) दे दिया है।
हमीरपुर, महोबा, तिंदवारी लोकसभा सीट में दलित चेहरा के नाम पर अम्ब्रेश कुमारी सपा के पास बड़ा चेहरा(Ambresh Kumari SP has a big face in the name of Dalit face) था। अम्ब्रेश कुमारी वर्ष 2000 में हुए पंचायत चुनाव में पहली मर्तबा महोबा जनपद से जिला पंचायत सदस्य का निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं और पहली बार में ही सदस्य बनने में सफल हो गई थीं। जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था और 2002 के विधानसभा चुनाव में चरखारी सुरक्षित सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बनी थीं।
सपा से थीं नाराज
इसके बाद विधानसभा सीटों के परिसीमन में चरखारी को सामान्य सीट घोषित कर दिया गया और राठ को सुरक्षित सीट बना दिया गया। इन्होंने राठ से 2017 में चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2022 के चुनाव में सपा ने इनको दरकिनार करके चंद्रवती वर्मा को मैदान में उतार दिया था, तभी से अम्ब्रेश कुमारी आहत थीं। अम्ब्रेश कुमारी की राजनैतिक पकड़ हमीरपुर, महोबा के अलावा जालौन जनपद में भी ठीक-ठाक है। सपा के पास यह दलित नेता के रूप में बड़ा चेहरा थीं।
पुत्र मृत्युंजय प्रताप महोबा से जिला पंचायत सदस्य
इनका पुत्र मृत्युंजय प्रताप महोबा से जिला पंचायत सदस्य हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव एक मत से हार गया था। सपा में उपेक्षा के चलते मां-बेटे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को त्यागपत्र भेजकर पार्टी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। अम्ब्रेश कुमारी के पूर्व सपा एक और दलित चेहरा पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी को खो चुकी है। इन्होंने भी पार्टी में अनदेखी का आरोप लगाकर कुछ माह पूर्व कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इन दोनों नेताओं के सपा छोड़ जाने से समाजवादी पार्टी की पीडीए का एक हिस्सा खिसक गया है।
विचार धारा से भटक चुकी है सपाः अम्ब्रेश कुमारी
अम्ब्रेश कुमारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जो सोच दलितों एवं गरीबों के प्रति थी, अब उस सोच से समाजवादी पार्टी पूरी तरह से भटक चुकी है। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और सपा का कोई लक्ष्य न होने के कारण वह पार्टी की नीतियों से असंतुष्ट हैं। सूत्र बताते हैं कि आगे आने वाले समय में पूर्व विधायक अम्बेश कुमारी भाजपा की सदस्यता ले सकती हैं। बतादें कि पूर्व विधायक के पुत्र मृत्युंजय प्रताप सिंह सनी वर्तमान में बैंदों पनवाड़ी सीट से जिला पंचायत सदस्य हैं। मां के पार्टी से इस्तीफा देने से बेटे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
सपा की बढ़ी परेशानी
उल्लेखनीय है कि सपा मुखिया पीडीए की आड़ में पूरे प्रदेश में दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को एकजुट करके लोकसभा चुनाव के वैतरणी पार करने की जुगत में है लेकिन हमीरपुर, महोबा, तिंदवारी लोकसभा सीट पर दलित नेताओं की भरपाई कैसे होगी यह सवाल उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि अब सपा के पास इस सीट में कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं बचा है। जिसके दम पर दलितों को सपा की ओर मोड़ा जा सके।