UCC: उत्तराखंड सरकार(Uttarakhand Government) के समान नागरिक संहिता बिल (UCC) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी(Approval from President Draupadi Murmu) मिल गई है। सत्ता संभालने के बाद महज 18 माह की अवधि में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने इस मामले में पहल करते हुए कमेटी गठित कर दी थी। मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दिए जाने का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति का आभार(President’s gratitude) जताया।
समिति के समान नागरिक संहिता मसौदे को सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा में पिछले माह छह फरवरी को रखा था, जिसे पास कर दिया गया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इस बिल को स्वीकृत होने के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया था, जिसे बुधवार को मंजूर कर लिया गया। समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला उत्तराखंड देश में पहला राज्य बन गया है।
क्या है यूसीसी?
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों हर धर्म-जाति के लोगों के लिए एक ही कानून होना। अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में प्रत्येक नागरिकों के लिए एक सा कानून होगा। संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है, जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व हो गया है।
राष्ट्रपति की मंजूरी से उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड लागू
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रपति ने उत्तराखंड सिविल कोड बिल को मंजूरी दे दी है। अब समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।