Uttarakhand UCC: धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट को दी मंजूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 4 फरवरी सायं मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गयी। सोमवार (05) फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा का सत्र आहूत किया गया है।

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Uttarakhand UCC: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में 4 फरवरी सायं मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सामान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) (यूसीसी) ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गयी। सोमवार (05) फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) का सत्र आहूत किया गया है। इस सत्र के दौरान राज्य सरकार विधानसभा के पटल यूसीसी कानून (UCC law) को रख सकती है। बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या सहित अन्य मंत्री मौजूद रहे।

विधानसभा चुनाव-2022 से पूर्व सरकार ने राज्य की जनता से भारतीय जनता पार्टी के संकल्प के अनुरूप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। इस घोषणा का भारी बहुमत से स्वागत किया गया था। परिणामस्वरूप राज्य में भारतीय जनता पार्टी की पुनः सरकार गठित हुई और केन्द्रीय नेतृत्व में पुष्कर सिंह धामी पर मुख्यमंत्री के रूप में विश्वास व्यक्त किया गया।

विशेषज्ञ समिति गठिन
इस वादे के मुताबिक धामी सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति बनाई। इस समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, समाजसेवी मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह व दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल को सम्मिलित किया गया। समिति ने 22 अगस्त 2022 को दो उप समितियों का गठन किया गया, जिसमें से एक उपसमिति का कार्य “संहिता” का प्रारूप तैयार करने का था। दूसरी उपसमिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था।

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समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट ऐसे हुआ तैयार
समिति ने देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये गये। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किये गये और प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों के साथ 14 जून 2023 को नई दिल्ली में चर्चा के साथ ही संवाद कार्यक्रम पूर्ण किया गया। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिये समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित करने में तकनीक का सहारा भी लिया। इसके लिये 08 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लांच करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और व्हाट्सअप मैसेज से सुझाव आमंत्रित किये गये।

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02 लाख 33 हजार सुझावों लिए
समिति को विभिन्न माध्यमों से दो लाख बत्तीस हजार नौ सौ इकसठ सुझाव प्राप्त हुए जो प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। किसी कानून के निर्माण के लिए अपने सुझाव देने का देश में यह पहला अतुलनीय उदाहरण है। यह उत्तराखंड राज्य की जनता की जागरूकता को भी प्रदर्शित करता है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने के लिए समिति की 72 बैठकें आहूत की गईं और रिकॉर्ड समय में उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर आज रिपोर्ट मुख्यमंत्री को धामी को उपलब्ध करायी।

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