Uttarakhand UCC: समान नागरिक संहिता (uniform civil code) (यूसीसी) के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष रंजना देसाई (Ranjana Desai) और सदस्यों ने 2 फ़रवरी को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को ड्राफ्ट सौंप दिया। उत्तराखंड सरकार छह फरवरी को समान नागरिक संहिता बिल विधानसभा में पेश करेगी।
उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) का सत्र पांच से आठ फरवरी तक आहूत है। सत्र की शुरुआत से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा की बैठक में सदन संचालित करने के लिए एजेंडा तय किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि धामी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने वादे के अनुसार 23 मार्च 2022 को हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) लागू करने का फैसला किया।
#WATCH | Dehradun | UCC Committee Chairperson Justice Ranjana Prakash Desai along with the drafting committee members hand over the UCC draft report to Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami in a program organized at Mukhya Sevak Sadan. pic.twitter.com/xRMG700eWu
— ANI (@ANI) February 2, 2024
2022 में हुआ था विशेषज्ञ समिति का गठिन
यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की गई। समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं।
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हर धर्म और जाति का अलग है कानून
समान नागरिक संहिता में देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है। अभी हर धर्म और जाति का अलग कानून है, इसके हिसाब से ही शादी, तलाक जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं। इसके लागू होने के बाद हर धर्म और जाति के नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण, तलाक, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा।