Uttarakhand UCC: विधानसभा में विपक्ष का विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के तीसरे दिन 7 फरवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर चर्चा के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग।

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Uttarakhand UCC: उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) सत्र के तीसरे दिन 7 फरवरी को समान नागरिक संहिता (uniform civil code) (यूसीसी) पर चर्चा के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विपक्षी विधायकों (Opposition MLAs) ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग करते हुए कहा कि विधायकों से सुझाव नहीं लिये गये। सदन के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) भी मौजूद हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल (Prem Chand Agarwal) ने कहा कि यह कॉपी और पेस्ट नहीं है। हिन्दू रीति और मुस्लिम सहित अन्य धर्म के लोगों की शादी परंपरा पर रोक नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप पर एक तरफ आप कह रहे हो कि पंजीकरण ठीक नहीं और दूसरी तरफ आप उत्तराखंड में ऐसे नियम का विरोध कर रहे हो।

हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने पीसीएस अभ्यर्थियों पर आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री धामी ने सदन से अभ्यर्थियों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए आश्वस्त किया। कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस बिल को राज्य को नहीं केन्द्र को लाना चाहिए था। इस पर इंतजार करना चाहिए था, लेकिन इसे जल्दबाजी में लाया गया है। इस बिल को प्रवर को सौंपना चाहिए। इस पर सरकार ने विधायकों की राय नहीं ली। लड़की और बहनों को अधिकार मिलना चाहिए। शादी के बाद क्या ससुराल जाने के बाद लडक़ी को सुरक्षित रखने का अधिकार इसमें नहीं है।

लिव इन रिलेशनशिप है सनातन और परंपराओं का उल्लंघन
कांग्रेस विधायक दल के उप नेता भुवन कापड़ी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बाल विवाह एक्ट 1928 में आ गया था। लड़कियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार 2025 से है, इसमें विशेष क्या आया है। उन्होंने कहा कि यह बिल कट, कॉपी और पेस्ट किया हुआ है। सभी धर्मों में अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं हैं। युवाओं की आजादी को खत्म करने और युवा अवस्था पर डंक मारा गया है। सहवास राजकीय भाषा का अपमान है। उत्तराखंड देवभूमि है और पर्यटन,धर्म और शिक्षा के लिए जाना जाता है। अब तो कोई भी उत्तराखंड आएगा और एक रूम लेकर लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है बिना शादी किए। यह राज्य के साथ मजाक है। सनातन और परंपराओं का उल्लंघन है।

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प्रवर समिति को सौंपने की मांग
कांग्रेस विधायक जसपुर आदेश चौहान ने कहा कि यूसीसी पर कांग्रेस विरोध में नहीं है, लेकिन हमको पढ़ने का पर्याप्त समय नहीं मिला। इस पर विधायकों से राय लेनी चाहिए थी। इस दौरान उन्होंने श्रीराम के फ़ोटो को सांवले से काले पर चुटकी ली। तभी संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्रीराम के बारे इस तरह की टिप्पणी अपमान करने जैसा है। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। धारचूला विधायक हरीश धामी ने कहा कि मेरे पास कई महिलाओं ने फोन कर इस विधेयक के लिए बधाई दिया है। हम इस विधेयक का हम समर्थन करते हैं। इसे प्रवर समिति को सौंप दिया जाए।

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