वीर सावरकर पर पुस्तक के लेखक विक्रम संपत वामपंथी लेखिका ऑड्रेय ट्रश्के की कारस्तानियों पर रोक के लिए उच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे थे। जिस पर उन्हें अब सफलता भी प्राप्त होने लगी है। न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को आदेश दिया है कि, वह स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर पुस्तक लिखनेवाले विक्रम संपत के विरुद्ध किये गए पांच पोस्ट को डिलीट करे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि, याचिका में उठाए गए विषयों को देखते हुए यह ट्वीट बदनामी करनेवाले हैं। इसमें जो लिंक पोस्ट किये गए हैं उनको लेकर न्यायालय ने 18 फरवरी, 2022 और 24 फरवरी, 2022 को आदेश दिये हैं।
विक्रम संपत के विरुद्ध षड्यंत्र
बता दें कि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर दो पुस्तकें विक्रम संपत ने लिखी हैं। इसके बाद से ही उन पर निजी और सार्वजनिक रूप से बदनाम करने, रॉयल हिस्ट्रॉरिकल सोसायटी से हटाए जाने के लिए वामपंथी ऑड्रेय ट्रश्के, अनन्या चक्रवर्ती, रोहित चोपड़ा ने षड्यंत्र शुरू किया था। इन सभी पर
वामपंथी प्रचार के अंतर्गत हिंदुओं को निशाना बनाने और भारत में धर्मांतरण करने की गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप लगता रहा है। ये अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं। इसमें प्रमुख नाम ऑड्रेय ट्रश्के का है जो रुत्जर्स विश्वविद्यालय से संलग्न हैं, जबकि अनन्या चक्रवर्ती जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय से और रोहित चोपड़ा सांता क्लारा विश्वविद्यालय से संलग्न हैं।
हिंदू विरोधी और औरंगजेब पर पुस्तक की लेखिका हैं ट्रश्के
ऑड्रेय ट्रश्के हिंदू विरोधी गतिविधियां संचालित करने की केंद्र हैं, वे अमेरिका में भारत विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेती रही हैं। इसमें कुछ माह पहले ही ‘डिसमेन्टलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ नामक अभियान भी रहा है, इसमें प्रमुख वक्ता और आयोजक दल में भी ऑड्रेय का नाम रहा है। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘औरंगजेब: द मैन एंड द मिथ” में मुगल राजा की बड़ी प्रशंसा की है। उसे एक मानवतावादी, संवेदनशील, न्याय प्रिय और पत्नी के लिए यादगार स्मारक बनवानेवाला बताया है। वहीं, औरंगजेब पर जजिया कर और हिंदू मंदिरों के विध्वंसक के रूप में लगे आरोपों पर भी ऑड्रेय बचाव करती हैं। बता दें कि, ऑड्रेय हिंदूत्व और उसके समर्थकों के विरुद्ध षड्यंत्र करने से बिल्कुल नहीं चूकती हैं।