उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा लागू किये गए नए पाठ्यक्रम में 50 महापुरुषों की जीवनी को सम्मिलित किया गया है। इसमें स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जीवनी को शामिल किया गया है। कक्षा नौंवी के छात्र वीर सावरकर की जीवनी पढ़ेंगे। नए पाठ्यक्रम में कुल 50 महापुरुषों की जीवनी को सम्मिलित किया गया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के नए पाठ्यक्रम में महाराष्ट्र में जन्में महापुरुषों को प्रथामिकता दी गई है। इसमें स्वातंत्र्यवीर सावरकर के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज, ज्योतिबा फुले, विनोबा भावे की जीवनी समाविष्ट की गई है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह बड़ा निर्णय लिया है।
अनिवार्य होगा विषय, पास होना भी जरूरी
इस पाठ्यक्रम को नैतिक योग खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में शामिल किया गया है। जुलाई से स्कूलों में शुरू होनेवाले सत्र के पाठ्यक्रम में महापुरुषों की जीवन गाथा शामिल होगी। यह विषय सभी विद्यालयों के लिए अनिवार्य किया गया है। साथ ही छात्र-छात्राओं को इस विषय में पास होना अनिवार्य है। हालांकि, इसके अंक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में शामिल नहीं होंगे।
कक्षा 9वीं में शामिल होगी वीर सावरकर की जीवनी
पाठ्यक्रम में यह बदलाव कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षाओं के लिए किया गया है। कुल 50 महापुरुषों की सूची तैयार की गई है जिसमें से प्रत्येक वर्ष कुछ की जीवनियां पढ़ाई जाएंगी। वीर सावरकर की जीवनी को कक्षा 9वीं में शामिल किया जाएगा। कक्षा 9 के लिए अन्य महापुरुषों में चंद्रशेखर आजाद, बिरसा मुंडा, बेगम हजरत महल, वीर कुंवर सिंह, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, गौतमबुद्ध, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शिवाजी महाराज, विनोबा भावे, श्रीनिवास रामानुजन और जगदीश चंद्र बोस की जीवनी शामिल होगी।
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27 हजार से अधिक स्कूलों में होगा यह पाठ्यक्रम
यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम में इन महापुरुषों के नाम शामिल करते हुए उसे जारी कर दिया गया है। यूपी बोर्ड के 27 हजार से ज्यादा राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के एक करोड़ से ज्यादा छात्र छात्राएं इन महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे।