Defamation case: राहुल गांधी की टिप्पणी से वीर सावरकर की हुई बदनामी; सावरकर विद्वान चन्द्रशेखर साने ने न्यायालय में दी गवाही

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लंदन में थे, तो उन्होंने अप्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर(freedom fighter veer savarkar) के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की।

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Defamation case: जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Congress leader Rahul Gandhi) लंदन में थे, तो उन्होंने अप्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम(A program of non-resident Indians) में बोलते हुए स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर(freedom fighter veer savarkar) के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। इस मामले में वीर सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर(Defamation case filed against Rahul Gandhi) किया है। इसकी सुनवाई 19 दिसंबर को पुणे में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अक्षी जैन के न्यायालय में हुई। उस समय स्वातन्त्र्यवीर सावरकर के विद्वान चन्द्रशेखर साने की गवाही दर्ज की गई। उस वक्त साने ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से वीर सावरकर की बदनामी हुई है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी 2024 तय की गई है। उस वक्त वकीलों की बहस होगी।

इस मामले में 25 नवंबर को सात्यकी सावरकर की गवाही दर्ज की गई थी। उस वक्त उनसे कोर्ट में कुछ गवाह पेश करने को कहा गया था। सात्यकी सावरकर के अनुसार, वीर सावरकर के जानकार चन्द्रशेखर साने और सामाजिक कार्यकर्ता राहुल बनकोंडे न्यायालय में उपस्थित हुए। उस समय सात्यकी सावरकर की ओर से एडवोकेट संग्राम कोल्हटकर उपस्थित थे।
चंद्रशेख साने ने क्या कहा?
राहुल गांधी का भाषण सुनने के बाद मेरे पास कई फोन आए। वे पूछ रहे थे कि क्या सचमुच ऐसी कोई घटना घटी थी? क्या यही वीर सावरकर की विचारधारा है? ऐसे सवाल मुझसे पूछे गए। मैं 40 वर्षों तक सावरकर का विद्वान रहा हूं। लेकिन उनके साहित्य में ऐसी कोई घटना दर्ज नहीं है। साने ने गवाही दी कि गांधी के बयान ने सावरकर की मानहानि की है। राहुल गांधी ने उस समय कहा था, ‘सावरकर और उनके पांच-छह दोस्त एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या कर रहे थे। सावरकर तब खुश थे’। दरअसल यह मॉब लिंचिंग जैसा आपराधिक कृत्य(criminal act like mob lynching) है। साने ने यह भी कहा कि वीर सावरकर की ऐसी विचारधारा कभी नहीं थी। साथ ही राहुल गांधी ने डोकलाम का जिक्र करते हुए कहा कि ‘अगर सामने वाली पार्टी कमजोर है तो हमें उसे मार देना चाहिए और अगर हम कमजोर हैं तो हमें भाग जाना चाहिए’। साने ने कहा कि वीर सावरकर की ऐसी विचारधारा कभी नहीं थी। सावरकर के साहित्य में कहीं भी ऐसा उल्लेख नहीं है। इसके विपरीत, उन्होंने सशस्त्र क्रांतिकारियों की लड़ाई को बढ़ावा दिया।

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राहुल बैंकोंडे ने क्या कहा?
मैं वीर सावरकर के विचारों पर आधारित सामाजिक कार्य करता हूं। राहुल गांधी का बयान सुनकर दुख हुआ। क्या सावरकर सचमुच ऐसे व्यक्ति थे? क्या सावरकर दो गुटों को बांटने का काम करते थे? ऐसे सवाल पूछे गए। इस पर विद्वानों से चर्चा की। बैंकोंडे ने कहा कि गांधी के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।

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