उपराष्ट्रपति ने दिए सुधार संबंधी तीन रिपोर्टों के प्रसार और प्रकाशन के निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल अगस्त में लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक पेश किए थे। उन्होंने इन तीनों विधेयकों को गहन जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजने का आग्रह किया था।

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उपराष्ट्रपति (Vice President) और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने 11 नवंबर को आपराधिक कानूनों (criminal laws) को बदलने के विधेयकों (Bills) पर संसदीय पैनल की तीन रिपोर्टों के प्रसार और प्रकाशन का निर्देश दिया है।

उपराष्ट्रपति सचिवालय ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
एक दिन पहले ही राज्य सभा सदस्य और गृह मामलों पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष बृज लाल ने संसद में एक बैठक के दौरान व्यक्तिगत रूप से यह रिपोर्टें सभापति को सौंपी थीं। स्थायी समिति ने तीन रिपोर्टों का समर्थन किया, जिसमें बिलों के हिंदी नामों को बरकरार रखते हुए कई संशोधन शामिल किए गए। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने एक्स पर पोस्ट किया कि भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ‘भारतीय न्याय संहिता, 2023’ पर 246वीं रिपोर्ट, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ पर 247वीं रिपोर्ट और ‘भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023’ पर 248वीं रिपोर्ट सहित तीन रिपोर्टों के प्रसार और प्रकाशन का निर्देश दिया है।

अगस्त में लोकसभा में पेश हुआ था विधेयक
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल अगस्त में लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक पेश किए थे। उन्होंने इन तीनों विधेयकों को गहन जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजने का आग्रह किया था। राज्यसभा सचिवालय के तहत काम करने वाली इस समिति को भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम-भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली के अभिन्न अंग-कानूनों के लिए प्रस्तावित प्रतिस्थापनों की जांच करने के लिए तीन महीने की अवधि सौंपी गई थी।

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