Waqf Act 2025: देश में नया वक्फ कानून लागू तो हो गया है, लेकिन कट्टरपंथी मुसलमान इसे पचा नहीं पा रहे हैं। इनके साथ ही कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां में इस पर राजनीति कर वोट बैंक सेट करने में लगी हुई हैं। हालांकि कट्टरपंथियों को इस बात का एहसास है कि अब यह कानून वापस लेना असंभव-सा है, लेकिन अभी भी इस उम्मीद में वे हर तरह के प्रदर्शन कर कथित रूप से मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे हैं।
इसी कड़ी में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की मुस्लिम संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ 26 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसके साथ ही मुस्लिम नेताओं ने 19 और 25 अप्रैल को भी मस्जिदों के बाहर काले फीते बांधकर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
जेएसी के संयोजक और तहरीक मुस्लिम शब्बान के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक मलिक ने कहा कि पूरे तेलंगाना के लोग मार्च में भाग लेंगे। इसका उद्देश्य एनडीए सरकार पर विवादास्पद कानून वापस लेने के लिए दबाव बनाना है। ‘वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को वापस लेने के लिए तेलंगाना मार्च’ का आयोजन धरना चौक पर किया जाएगा। मजलिस बचाओ तहरीक के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान सहित कई नेताओं ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है।
मलिक ने विश्वास व्यक्त किया कि यह मार्च 2019 में आयोजित सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों से बड़ा होगा, जो देश के सबसे बड़े शांतिपूर्ण आंदोलनों में से एक थे।
विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य मस्जिदों, दरगाहों, खानकाहों, आशूरखानों, कब्रिस्तानों, वक्फ संपत्तियों, धार्मिक स्कूलों (मदरसों) और ईदगाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिनके बारे में प्रदर्शनकारियों का मानना है कि संशोधन के कारण ये खतरे में हैं। मलिक का कहना है,“अगर हम इस अधिनियम के खिलाफ़ नहीं उठेंगे, तो सभी वक्फ संपत्तियां हमारे हाथ से चली जाएंगी। हिंदुत्ववादी ताकतें मुसलमानों को उनकी जायज़ संपत्तियों से वंचित करना चाहती हैं। हर मुसलमान को इस कोशिश का विरोध करने के लिए अपने घरों से बाहर निकलना चाहिए।”
मार्च आयोजित करने का निर्णय तहरीक मुस्लिम शब्बन के आजमपुरा स्थित मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक के दौरान लिया गया। प्रमुख प्रतिभागियों में एमबीटी प्रवक्ता मोहम्मद अमजेदुल्ला खान खालिद, टीपीसीसी प्रवक्ता सैयद निजामुद्दीन, अल्पसंख्यक वित्त निगम के पूर्व अध्यक्ष अकबर हुसैन, वहदत-ए-इस्लामी के डॉ. तौफीक, टीपीसीसी सचिव उस्मान मोहम्मद खान और मुस्लिम चैंबर्स के नजीमुद्दीन फारूकी शामिल थे।
राजनीतिक नेतृत्व से अपील
जेएसी ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव, टीपीसीसी के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ और अन्य वामपंथी दलों सहित शीर्ष राजनीतिक नेताओं से समर्थन मांगने की योजना बनाई है।
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जब से वक्फ कानून 2025 लागू हुआ है, देश के अलग-अलग राज्यों में कट्टरपंथी मुसलमानों का प्रदर्शन जारी है। इसमें पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित दक्षिण भारत के अधिकांश राज्य शामिल हैं। हालांकि राज्य सरकारों के साथ ही केंद्र सरकार भी इन प्रदर्शनों पर नजर बनाए हुए है। लेकिन जिस तरह की घोषणाबाजी ये कट्टरपंथी कर रहे हैं, उससे किसी बड़ी अप्रिय घटना होने के अंदेश से इनकार नहीं किया जा सकता।
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